फार्मा और वित्त को अलग करने से मिलेगी ताकत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:26 AM IST

बीएस बातचीत

पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल इसे लेकर आश्वस्त हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के लिए तैयार है और सभी उद्योग चालू वित्त वर्ष के अंत तक कोविड से पहले जैसी सिथति में लौट आएंगे। अपने फार्मा व्यवसाय को पीरामल एंटरप्राइजेज से अलग किए जाने की घोषणा के बाद पीरामल ने देव चटर्जी और सोहिनी दास के साथ बातचीत में इन दोनों व्यवसायों की संभावनाओं और विलय समाप्त किए जाने के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया। मुख्य अंश:

आपके निवेशक काफी समय से वित्तीय सेवा और फार्मा व्यवसाय अलग किए जाने के बारे में पूछ रहे थे। इस मकसद के पीछे अब क्या उद्देश्य है?

शेयरधारकों के साथ साथ नए निवेशकों द्वारा ज्यादा केंद्रित व्यवसायों के निर्माण की मांग की गई थी। हमने हाल में डीएचएफएल का अधिग्रहण पूरा किया है, जिसका हमारे आवास वित्त व्यवसाय के साथ विलय किया गया है। हमने सोचा कि यही सही समय है क्योंकि दोनों व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं और विलय समाप्त करने से निवेशकों को भविष्य में दोनों में से किसी भी व्यवसाय में निवेश करने का अवसर मिलेगा।फार्मास्युटिकल में सालाना 6,000 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ हमारे पास अच्छे आकार के व्यवसाय है और यह भविष्य में तेजी से बढ़ेगा। हमारी फार्मा बिक्री का बड़ा हिस्सा अब वैश्विक रूपा से हमारे 15 संयंत्रों से आ रहा है और हमें भविष्य में यह व्यवसाय तेजी से बढऩे की संभावना है।

क्या आप फार्मा कंपनी खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं?

हमने कार्लाइल संबंधित निवेश के बाद से तीन अधिग्रहण किए हैं। इनमें से एक अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट ऐंड मैन्युफेक्चरिंग (सीडीएमओ) क्षेत्र में था। हमने कंपनी में बकाया 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी और हाल में हमने भारत में अन्य कंपनी हेम्मो फार्मास्युटिकल्स का अधिग्रहण किया है। अधिग्रहण के लिए हमारी रणनीति हमेशा समान बनी रही है। हमने ऐसे अधिग्रहणों पर जोर दिया है जो हमारे व्यवसाय के लिए अनुकूल हों। इसके अलावा, मूल्यांकन भी अच्छा होना चाहिए। हम निजी इक्विटी कंपनी से अलग हैं।

विलय समाप्त होने के बाद फार्मा व्यवसाय के लिए क्या विजन और लक्ष्य है?

हमारा कारोबार 6,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। यह बड़े आकार वाली कंपनी होगी। हमारा मुख्य ध्यान वैश्विक फार्मा व्यवसाय पर है। हमारे कई व्यवसाय भारत से बाहर हैं और कनाडा, ब्रिटेन तथा भारत में हमारी 15 निर्माण इकाइयां हैं। हमारे तीन श्रेणियों के व्यवसाय हैं – हॉस्पिटल जेनेरिक्स, सीडीएमओ और ओटीसी। सभी तीनों सेगमेंट में वृद्घि की संभावनाएं हैं।

भारत में अवसर मौजूद हैं। हम विलय एवं अधिग्रहण के जरिये विस्तार करेंगे। अधिग्रहणों के लिए, मूल्यांकन बेहद जरूरी होता है। वैश्विक तौर पर, हमारे संयंत्रों का शानदार नियामकीय रिकॉर्ड रहा है। हम वहां भी ध्यान बरकरार रखेंगे।

संपूर्ण आर्थिक मोर्चे पर, क्या आप सुधार के संकेत देख रहे हैं और यह मानते हैं कि कंपनियां वित्त वर्ष के अंत तक कोविड-पूर्व बिक्री की स्थिति में पहुंच जाएंगी?

अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आ रहा है, भले ही मुद्रास्फीति को लेकर चिंता बनी हुई है। बढ़ती ऊर्जा कीमतें बड़ी समस्या है, क्योंकि तेल कीमतों में फिर से तेजी आ रही है। हम इस पर नजर बनाए रखेंगे। कई कंपनियां वर्ष के अंत तक कोविड-पूर्व बिक्री की स्थिति में होंगी, हालांकि सभी को आपूर्ति संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अर्थव्यवस्था में पर्याप्त मांग है, लेकिन आपूर्ति एक बड़ी समस्या है।

First Published : October 7, 2021 | 11:32 PM IST