आईपीओ लाने के तैयारी कर रही ओला इलेक्ट्रिक के फ्लैगशिप एस1 प्रो स्कूटर को बिक्री मूल्य पर 13 प्रतिशत सब्सिडी के लिए वाहन क्षेत्र की ‘उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन’ (पीएलआई) योजना के तहत घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) प्रमाण-पत्र मिला है।
सूत्रों के अनुसार पीएलआई का अधिकार-पत्र हासिल करने वाला यह देश की इस सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता का दूसरा मॉडल है। दूसरी तरफ, पहले से मौजूद पारंपरिक कंपनियों को सरकारी सब्सिडी हासिल करने के लिए जरूरी स्थानीयकरण को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है।
ओला एस1 प्रो ने पीएलआई योजना का लाभ पाने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय की ओर से अनिवार्य किए गए 50 प्रतिशत के न्यूनतम स्थानीयकरण मानदंड को सफलता के साथ पूरा कर लिया है। इस सप्ताह के अंत में औपचारिक घोषणा की उम्मीद है।
मामले से वाकिफ सूत्रों के अनुसार वर्तमान में टीवीएस, बजाज और हीरो मोटोकॉर्प पीएलआई योजनाओं की दौड़ में शामिल पहले से मौजूद कंपनियां हैं। भवीश अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इससे पहले ओला एस1 एयर को भी यह प्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ था। तीन साल पुरानी यह कंपनी उभरते घरेलू बाजार को आकार देने वाली इलेक्ट्रिक मूल्य श्रृंखला का निर्माण कर रही है। ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) कलपुर्जों के स्थानीयकरण मानकों की गहन जांच के बाद प्रमाण-पत्र देने वाली नोडल परीक्षण एजेंसी है।
इस योजना के तहत ओला इलेक्ट्रिक वित्त वर्ष 2024 से लगातार पांच वित्त वर्षों तक प्रोत्साहन राशि की पात्र है। ओला एस1 प्रो और एस1 एयर को 13 प्रतिशत की सब्सिडी मिली है, जो स्थानीयकरण और निर्धारित बिक्री मूल्य (डीएसवी) में प्रगति के आधार पर 18 प्रतिशत तक जा सकती है।
वाहन और वाहन पुर्जों के मामले में पांच साल के लिए 25,938 करोड़ रुपये के व्यय वाली यह पीएलआई योजना उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी वाहनों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन और उनके कलपुर्जे शामिल हैं।