एमेजॉन ने गुरुवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा 3.4 अरब डॉलर के फ्यूचर रिटेल-रिलायंस सौदे को दी गई मंजूरी अदालत के फैसले के परिणाम के अधीन है। बाजार नियामक ने बुधवार को फ्यूचर ग्रुप द्वारा रिलायंस को परिसंपत्तियों की व्यवस्था एवं बिक्री की योजना को अपनी सहमति दे दी। इसके आधार पर बंबई शेयर बाजार (बीएसई) ने भी सौदे को अपनी ‘कोई प्रतिकूल जांच नहीं’ संबंधी रिपोर्ट दे दी।
एमेजॉन ने कहा, ‘बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) द्वारा जारी पत्र स्पष्ट रूप से बताते हैं कि सेबी की टिप्पणियां ‘व्यवस्था की मसौदा योजना’ (प्रस्तावित लेनदेन) पर चल रही मध्यस्थता और किसी भी अन्य कानूनी कार्यवाही के परिणाम के अधीन हैं।’ कंपनी ने कहा, ‘हम अपने अधिकारों को लागू करने के लिए हमारे कानूनी उपायों का उपयोग करना जारी रखेंगे।’ अगस्त 2020 में, फ्यूचर ग्रुप ने आरआईएल के साथ 3.4 अरब डॉलर की परिसंपत्ति बिक्री का सौदा किया था। एमेजॉन ने इस सौदे को लेकर फ्यूचर ग्रुप को एक कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें आरोप लगाया गया कि फ्यूचर के इस सौदे से अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन किया गया।
सेबी ने कुछ दिशानिर्देशों के साथ सौदे की अनुमति दी है। इसने कथित तौर पर कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष मुकदमेबाजी लंबित है और एमेजॉन द्वारा शेयरधारकों की मंजूरी लेते समय इस मुकदमे की कार्यवाही का फ्यूचर ग्रुप द्वारा विशेष रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए। यह भी कथित तौर पर कहा गया है कि प्रस्तावित व्यवस्था की मसौदा योजना पर सेबी द्वारा आगे बढऩे की मंजूरी इन कार्यवाहियों के परिणाम के अधीन होगी।