प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) को भेजे जवाब में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि रकम की हेराफेरी के कथित मामले में प्रबंधन व निवेशकों और अन्य हितधारकों के संरक्षण की खातिर ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड ( Zee Entertainment Enterprises Limited- ZEEL) के प्रवर्तकों के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की दरकार थी।
एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) व मुख्य कार्याधिकारी (CEO) पुनीत गोयनका के आवेदन को सेबी ने पूरी तरह से गलत व भ्रामक करार दिया है। सैट को 17 जून को भेजे जवाब में सेबी ने ये बातें कही है।
सैट को भेजे 197 पृष्ठ के शपथपत्र में सेबी ने कहा है, हमारे सामने ऐसी स्थिति थी जहां बड़ी लिस्टेड कंपनी के मानद चेयरमैन और MD व CEO ऐसे लेनदेन में शामिल थे, जिसके जरिये लिस्टेड कंपनी की बड़ी रकम उन प्राइवेट इकाइयों को हस्तांतरित कर दिए गए, जिनका स्वामित्व व नियंत्रण इन व्यक्तियों के पास था। न सिर्फ वहां उल्लंघन हुआ बल्कि ऐसे गलत कार्यों को ढंकने के लिए कई बार गलत खुलासे व बयान जमा कराए गए।
सूत्रों ने कहा कि चंद्रा व गोयनका अपने-अपने जवाब जल्द जमा करा सकते हैं।
15 जून को सैट ने उन्हें Sebi के जवाब पर 19 जून या इससे पहले प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया है जब पंचाट इस पर अंतिम फैसले के लिए सुनवाई करेगा।
इस बारे में जानकारी के लिए ज़ी एंटरटेनमेंट को भेजी गई प्रश्नावली का जवाब नहीं मिला।
12 जून को अंतरिम आदेश में सेबी ने चंद्रा व गोयनका को लिस्टेड कंपनियों में अहम पद लेने से रोक लगा दी थी। दोनों ने इसके बाद अन्याय का हवाला देते हुए सेबी के आदेश पर स्थगन के लिए सैट का दरवाजा खटखटाया था।
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सेबी ने यह भी कहा है कि अपीलकर्ता ने इस संबंध में ऐसा कुछ सामने नहीं रखा है जिससे संकेत मिलता हो कि अंतरिम आदेश से पहले उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई के लिए न बुलाने से उन्हें परेशानी हुई हो। नियामक ने कहा कि वह अपीलकर्ता को त्वरित सुनवाई का मौका देने का इच्छुक है।
सेबी का आरोप है कि प्रवर्तकों ने ज़ी एंटरटेनमेंट को सात संबंधित पक्षकारों की तरफ से 200 करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान के मामले में गलत एंट्री दिखाई और निवेशकों को गलत सूचना दी।
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सेबी ने कहा है कि मौजूदा जांच तब शुरू हुई जब एस्सेल ग्रुप की कंपनी शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी के मामले में ज़ी एंटरटेनमेंट की तरफ से निपटान आवेदन को खारिज कर दिया गया, जिस पर नियामक ने अप्रैल में अंतरिम आदेश जारी किया था।
इस बीच, NCLT ने ज़ी एंटरटेनमेंट का सोनी के साथ विलय मामले पर सुनवाई 16 जून तक टाल दी है। विलय के बाद बनने वाली नई इकाई की अगुआई गोयनका को करना है, लेकिन सेबी ने उन्हें अहम पद लेने से रोक दिया है।