प्रतीकात्मक तस्वीर
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आर-इन्फ्रा) और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस पावर (आर-पावर) ने कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के ऋण खाते को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत करने की हाल की कार्रवाई का उनके व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दोनों कंपनियों ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजों को अलग अलग भेजी जानकारी में कहा कि आर-इन्फ्रा और आर-पावर अलग-अलग और स्वतंत्र सूचीबद्ध संस्थाएं हैं, जिनका आरकॉम से कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है। इसके अलावा, अंबानी आर-इन्फ्रा और आर-पावर के बोर्ड में शामिल नहीं हैं। दोनों कंपनियों ने दावा किया कि आरकॉम के संबंध में की गई किसी भी कार्रवाई का आर-इन्फ्रा और आरपावर के शासन, प्रबंधन या संचालन पर कोई असर या प्रभाव नहीं पड़ा है।
इससे पहले, बुधवार को आरकॉम ने एक्सचेंजों को बताया था कि एसबीआई ने खाते के संचालन में अनियमितताओं के कारण कंपनी के ऋण खाते को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत करने का फैसला किया है। एसबीआई ने खाते और आरकॉम के निदेशक अंबानी, दोनों की रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को देने की भी तैयारी कर ली है। कंपनी के ऋणदाताओं की समिति की बैठक शुक्रवार को होने वाली है।