देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और इसके पूर्व प्रमोटर डायरेक्टर अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित कर दिया है। इस बात की जानकारी संसद में सोमवार को दी गई। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि 13 जून 2025 को SBI ने RBI की फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइंस और अपनी आंतरिक पॉलिसी के तहत इन संस्थाओं को फ्रॉड घोषित किया। इसके बाद 24 जून 2025 को बैंक ने इस जानकारी को रिजर्व बैंक को रिपोर्ट किया और अब CBI में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का रिलायंस कम्युनिकेशंस पर बड़ा कर्ज बकाया है। बैंक के अनुसार, कंपनी पर ₹2,227.64 करोड़ का फंड आधारित लोन बकाया है, जिसमें अगस्त 2016 से अब तक का ब्याज और अन्य संबंधित खर्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा, ₹786.52 करोड़ की नॉन-फंड आधारित बैंक गारंटी भी कंपनी के नाम पर जारी की गई थी। इन दोनों को मिलाकर SBI की कुल क्रेडिट एक्सपोजर काफी बड़ी हो जाती है, जिसे अब “फ्रॉड” के रूप में कैटेगराइज किया गया है।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है कि उन्हें 23 जून 2025 को SBI से एक चिट्ठी मिली, जिसमें कंपनी और अनिल अंबानी दोनों को सूचित किया गया कि SBI ने इस लोन को फ्रॉड घोषित कर दिया है। यह पत्र कंपनी को 30 जून 2025 को प्राप्त हुआ।
SBI की फ्रॉड आइडेंटिफिकेशन कमेटी को जांच में पता चला कि रिलायंस कम्युनिकेशंस ने लोन का उपयोग गलत तरीके से किया, यानी लोन के पैसे उस उद्देश्य के लिए खर्च नहीं किए गए, जिसके लिए लोन लिया गया था। बैंक ने पहले भी दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में RCom और अनिल अंबानी को शोकॉज नोटिस भेजे थे। लेकिन कंपनी इन आरोपों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। बैंक का कहना है कि लोन की शर्तें तोड़ी गईं और खातों में अनियमितताएं पाई गईं। SBI ने कहा कि वह RBI के मौजूदा नियमों के अनुसार अब यह मामला CBI को सौंपेगा।
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रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपनी फाइलिंग में बताया कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाइयों ने बैंकों से कुल ₹31,580 करोड़ का कर्ज लिया था।