रामलिंग राजू के खुलासे के बाद सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के नाम से जो जलजला कल आया था, उसकी जुंबिश आज भी पूरी शिद्दत के साथ महसूस की गई। सत्यम में धोखाधड़ी की बात क्या सामने आई, आरोपों और इस्तीफों की झड़ी लग गई।
सबसे सकते में डालने वाला इस्तीफा तो सत्यम के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) श्रीनिवास वाडलामणि का था, जिनके बारे में खुलासा उस वक्त हुआ, जब सत्यम का संवाददाता सम्मेलन हैदराबाद में चल रहा था।
उस सम्मेलन में सत्यम के अंतरिम मुख्य कार्य अधिकारी राम मयनामपति मौजूद थे। वाडलामणि की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर मयनामपति ने सबसे पहले तो यही कहा कि निजी कारणों से वह नहीं आए हैं और घर से ही सम्मेलन देख रहे हैं।
लेकिन बाद में उन्होंने यह स्वीकार कर लिया कि वाडलामणि इस्तीफा दे चुके हैं। मयनामपति ने कहा कि जल्द ही अंतरिम सीएफओ के नाम का ऐलान हो जाएगा।
सत्यम के पतन का कारण बनी मायटास इन्फ्रा के चेयरमैन और गैर कार्यकारी निदेशक आर सी सिन्हा भी अपना इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने भी इसके पीछे निजी कारण ही बताया।
इस कड़ी में मेंडु राममोहन राव का भी नाम जुड़ गया, जिन्हें सत्यम के साथ होने की अच्छी खासी कीमत अब तक चुकानी पड़ गई थी। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर का चुनाव करने वाले पैनल से जगह गंवाने वाले राव ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन पद से भी आज इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने हैदराबाद के इस नामी बिजनेस स्कूल के संकाय सदस्यों और छात्रों के नाम संदेश में लिखा, ‘बहुत अफसोस के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि मैं आज आईएसबी के डीन पद से हट गया हूं। लेकिन आईएसबी के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य की वजह से मैं ऐसा कर रहा हूं।’
राव ने यह भी कबूल किया कि सत्यम में पिछले कुछ हफ्तों के घटनाक्रम की वजह से वह काफी चिंतित और परेशान हो गए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि बुधवार के खुलासे की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।