कारोबारी सॉफ्टवेयर क्षेत्र की जर्मनी की दिग्गज कंपनी SAP व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं और तकनीकी उद्योग में भारी छंटनी के बावजूद भारत में अपना निवेश बढ़ाएगी।
सैप एसई में सैप प्रोडक्ट इंजीनियरिंग के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य थॉमस साउएरेसिग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘हम यहां भर्ती कर रहे हैं और यह हमारी रणनीति के साथ काफी अच्छी तरह से सटीक भी बैठता है।’ उन्होंने कहा कि हम यहां बेंगलूरु में दूसरा परिसर बना रहे हैं, जिसमें 15,000 लोगों को जगह मिल सकेगी।
कंपनी वर्ष 2025 तक बेंगलूरु के देवनहल्ली में नया भारतीय परिसर स्थापित करेगी। नया परिसर 41.07 एकड़ में फैला होगा और इसमें 15,000 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। इस परिसर से सैप को टैलेंट आकर्षित करने और बनाए रखने में मदद मिलेगी।
साउएरेसिग ने कहा कि फर्म AI से संबंधित प्रतिभाओं को भर्ती करने और निवेश करने के प्रयास बढ़ाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा ‘हम एआई में पहले से ही काफी बड़े हैं। हम इसे आगे और भी बढ़ाना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि हम टिकाऊ समाधान के संबंध में विशिष्ट निवेश पर भी विचार कर रहे हैं। अलबत्ता उन्होंने उस राशि का खुलासा नहीं किया, जिसे सैप देश में निवेश करने की योजना बना रहा है।
सैप लैब्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सिंधु गंगाधरन ने कहा कि व्यापक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद कि सैप के साथ-साथ इसके ग्राहक देश में दांव बढ़ा रहे हैं। पिछले साल फर्म ने कहा था कि वह 3,600 लोगों को नियुक्त करेगी। इस साल गंगाधरन ने कहा कंपनी 1,000 से ज्यादा लोगों को नियुक्त करेगी।
गंगाधरन ने कहा कि भारत को स्पष्ट रूप से उस स्थान के रूप में देखा जा रहा है, जहां हमें वृद्धि नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार क्षेत्र है। भारत को वर्ष 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वर्ष 2024-25 तक करीब 1.4 लाख करोड़ डॉलर का निवेश करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा उद्योग के अनुमानों के अनुसार इंटरनेट की बढ़ती पैठ और बढ़ती आय के कारण भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में वर्ष 2030 तक 800 बिलियन डॉलर की तीव्र वृद्धि दिखने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार ये सभी बातें सैप जैसी कंपनियों के लिए अवसर प्रदान करती हैं।