लगातार बिगड़ते पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे संकटों के प्रति अब सेलफोन बनाने वाली कंपनियों ने भी गंभीर रवैया अपनाना शुरू कर दिया है।
हैंडसेट बनाने वाली नामी कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने इस दिशा में काम करते हुए पर्यावरण के अनुकूल दो हैंडसेट पेश भी कर दिए हैं। कंपनी ने डब्ल्यू 510 और एफ 268 नाम के ये हैंडसेट पिछले दिनों कोरिया में पहली बार दिखाए।
हालांकि अभी बाजारों में इनकी बिक्री शुरू नहीं हुई है, लेकिन इसी महीने कोरियाई और चीनी बाजारों में ये हैंडसेट बिकने लगेंगे। इन हैंडसेट्स में प्रकृति के लिए नुकसानदेह और जहरीले रासायनिक पदार्थों का कम से कम इस्तेमाल किया गया है। इनमें ज्यादातर ऐसे पदार्थ हैं, जो आराम से खत्म हो जाते हैं और वातावरण में कोई जहरीला तत्व भी नहीं छोड़ते।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की दक्षिण एवं पश्चिम एशिया की कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस महाप्रबंधक रुचिका बत्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इन हैंडसेट्स में हमने प्राकृतिक तत्वों का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया है। डब्ल्यू 510 में पेट्रोलियम पदार्थों से बनने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बहुत कम किया गया है। उसके बजाय मक्के से बनने वाले बायोप्लास्टिक को कंपनी ने तरजीह दिया है।’
इतना ही नहीं, इस हैंडसेट में कंपनी ने किसी भी भारी धातु से परहेज किया है। खतरनाक धातुओं और तत्वों जैसे सीसा, पारा और कैडमियम का इस सेट में बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसके अलावा कंपनी ने पानी में घुलने वाली कोटिंग इस सेट पर की है। चीन के बाजार के लिए बनाए गए हैंडसेट एफ 268 में कंपनी ने चार्जर और हैडसेट जैसी एसेसरीज में भी पीवीसी या बीएफआर जैसे पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया है।
इसके अलावा इस सेट में अलार्म भी लगाया गया है, जो बैटरी के पूरी तरह चार्ज होने पर इस्तेमाल करने वाले को इसके बारे में बता देगा। कंपनी का इरादा इसके जरिये ऊर्जा बचाने का है। हालांकि पिछले महीने नोकिया ने भी ग्रीनफोन बनाने की अपनी योजना का खुलासा किया था। कंपनी इस साल 40 ऐसे सेट उतारना चाहती है, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हों।
लेकिन सैमसंग ने इस बात से साफ इनकार किया कि नोकिया की पहल के जवाब में उसने ऐसा किया है। बत्रा ने कहा, ‘नोकिया की योजना से हमारा कोई वास्ता नहीं है। सैमसंग हमेशा से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रही है। हमारे ज्यादातर उपकरण ऊर्जा बचाने के लिहाज से ही डिजायन किए जाते हैं। अब सेलफोन में भी हम इसका ध्यान रख रहे हैं। इसके अलावा हम हैंडसेट की रिसाइक्लिंग के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।’
ये दोनों ही फोन फिलहाल भारतीय बाजार में नहीं आएंगे। बत्रा ने बताया कि अन्य अंतरराष्ट्रीय मॉडलों की तरह जल्द ही उन्हें भी भारत में उतार दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि इसमें कितना वक्त लग जाएगा। गौरतलब है कि दुनिया भर में पर्यावरण के अनुकूल सेलफोन बनाने की मुहिम चल रही है। दिग्गज कंपनी सोनी ने भी अपने उपकरणों के लिए पोलीलैक्टिक एसिड से बने बायोप्लास्टिक का विकास किया है।