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सैमसोनाइट को भाए छोटे शहर

Last Updated- December 05, 2022 | 4:53 PM IST

मुसाफिरों के लिए सामान यानी ट्रैवल गियर बनाने वाली मशहूर कंपनी सैमसोनाइट भारतीय बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए अब छोटे शहरों का रूख कर रही हैं।


कंपनी को उम्मीद है कि फु टवियर और यात्रा के दौरान काम आने वाले सामान अगले तीन सालों में कंपनी की कमाई में लगभग 20 फीसदी की भागीदारी होगी।यात्रा क्षेत्र खासतौर पर विमान यात्राओं के क्षेत्र में आने वाली तेजी से छोटे शहरों में भी ट्रैवल गियर की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। सैमसोनाइट कोयम्बटूर, मदुरै और  विजाग जैसे छोटे शहरों में भी अपने स्टोर खोलने की योजना भी बना रही है।


सैमसोनाइट दक्षिण-एशिया के मुख्य परिचालन अधिकारी सुब्रत दत्त ने बताया कि कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा मेट्रो शहरों से आता है। कंपनी इस साल के अंत तक अपने स्टोरों की संख्या 172 से बढ़ाकर 210 करने की योजना बना रही है। इन स्टोरों में से कुछ स्टोर कंपनी द्वारा ही संचालित किए जा रहे हैं, जबकि अन्य स्टोर फै्रंचाइजी स्टोर हैं। कंपनी के मुताबिक ट्रैवल गियर बाजार में कंपनी की लगभग 32 फीसदी हिस्सेदारी है।


भारत में यात्री सामान का बाजार तकरीबन 1200 करोड़ रुपये का है। दत्त ने बताया कि इस साल सैमसोनाइट की विकास दर लगभग 40 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस साल कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के चलते कंपनी ने प्लास्टिक और लेदर उत्पादों के दामों में 7-8 प्रतिशत की वृद्धि की है।


कंपनी की योजना सैमसोनाइट को एक लाइफस्टाइल ब्रांड के तौर पर भी विकसित करने की है। कंपनी पहले ही 11,000 करोड़ के फुटवियर बाजार में सैमसोनाइट और ब्लैक लेबल जैसे ब्रांडों के जरिए कदम रख चुकी है। कंपनी जल्द ही घड़ियों और चश्मों के बाजार में भी कदम रखने वाली है।

First Published - March 22, 2008 | 12:33 AM IST

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