facebookmetapixel
इंडिया-यूके विजन 2035 के तहत ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों की राह होगी और आसानलंबे वीकेंड के चलते दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा में 25% तक बढ़ी मांग, घरेलू पर्यटन में भी जबरदस्त तेजीसेबी का नया वैलिड यूपीआई हैंडल शुरू, ऑपरेशन में आ रही बाधातमिलनाडु में भगदड़ से मौत का मामला: FIR में कहा गया — विजय वाहन के अंदर रहे जिससे भीड़ बढ़ीभारत-भूटान रेल संपर्क शुरू होगा, ₹4,033 करोड़ की परियोजना से गेलेफू और समत्से भारत से जुड़ेंगेहम चाहते हैं कि टाटा कैपिटल से अधिक रिटेल निवेशक जुड़ें: राजीव सभरवालIndia-EFTA FTA गुरुवार से होगा प्रभावी, कई और देश भी व्यापार समझौता करने के लिए इच्छुक: गोयलLPG 24 घंटे डिलिवरी करने की तैयारी में सरकार, क्रॉस-PSU सर्विस से कभी भी करा सकेंगे रिफिल!WeWork India IPO: सिर्फ OFS इश्यू से जुटेगा ₹3,000 करोड़, 20% से ज्यादा ग्रोथ का लक्ष्यअगस्त में औद्योगिक उत्पादन धीमा, विनिर्माण क्षेत्र की सुस्ती से IIP जुलाई के मुकाबले घटकर 4% पर

रॉयल्टी भुगतान 16 साल के निचले स्तर पर, माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की सतर्कता बढ़ी

सीएमआईई का निष्कर्ष 855 सूचीबद्ध गैर-वित्तीय कंपनियों पर आधारित है जिनके वित्त वर्ष 2025 के आंकड़े उपलब्ध हैं।

Last Updated- August 24, 2025 | 10:39 PM IST
Company
इलस्ट्रेशन- अजय मोहंती

वित्त वर्ष 2024-25 में नियामक जांच-परख बढ़ने और संस्थागत विरोध के बीच कंपनियों के रॉयल्टी भुगतान में कटौती की आशंका है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि रॉयल्टी और तकनीकी विशेषज्ञता का भुगतान उत्पादित वस्तुओं के मूल्य के सापेक्ष वित्त वर्ष 2010 के बाद से सबसे कम रहा है।

वित्त वर्ष 2024 में इस तरह के कुल भुगतान बिक्री मूल्य का 0.88 फीसदी था जो वित्त वर्ष 2025 में घटकर 0.43 फीसदी रह गया। तकनीकी ज्ञान शुल्क का भुगतान मूल कंपनी द्वारा समूह कंपनियों को हस्तांतरित की जाने वाली विशेषज्ञता के लिए किया जाता है लेकिन कुछ कंपनियां इस तरह का भुगतान रॉयल्टी के तहत करती हैं।

सीएमआईई का निष्कर्ष 855 सूचीबद्ध गैर-वित्तीय कंपनियों पर आधारित है जिनके वित्त वर्ष 2025 के आंकड़े उपलब्ध हैं। बीते वर्षों के आंकड़े समूचे सूचीबद्ध गैर-वित्तीय क्षेत्र को दर्शाते हैं। इनमें बेची गई वस्तुएं और इन्वेंट्री या स्टॉक में बदलाव दोनों शामिल हैं। बाजार नियामक सेबी ने 1 सितंबर से रॉयल्टी भुगतान सहित संबंधित पक्षों के बारे में खुलासे में सुधार करने का आह्वान किया है।

ऐसेट मैनेजर रोहा वेंचर के मुख्य निवेश अधिकारी धीरज सचदेव ने कहा कि शेयरधारकों के बीच इस तरह के भुगतान के बारे में जागरूकता बढ़ी है। ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां मूल कंपनियों को रॉयल्टी भुगतान लाभांश से अधिक हो गया। इससे पता चलता है कि छोटे शेयरधारकों की कीमत पर बड़े शेयरधारकों को भुगतान किया गया।

ऐसे उदाहरणों का अब मूल्यांकन पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि कई शेयरधारक ऐसी कंपनियों से बचते हैं जो उनके सर्वोत्तम हित में कार्य नहीं करतीं जैसा कि रॉयल्टी पर कंपनी के निर्णयों में परिलक्षित होता है। सचदेव ने कहा,’यह अल्पांश शेयरधारकों के लिए कारोबारी संचालन मानकों का प्रतिबिंब है।’

अल्पांश शेयरधारकों ने मई 2024 में नेस्ले इंडिया द्वारा अपनी मूल कंपनी को रॉयल्टी भुगतान में वृद्धि का विरोध किया था। कंपनी पांच साल की अवधि में रॉयल्टी भुगतान को बिक्री का 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.25 फीसदी करने पर विचार कर रही थी। लगभग 71 फीसदी संस्थागत शेयरधारकों ने इस कदम का विरोध किया था। वर्ष 2023 में हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के रॉयल्टी भुगतान को शेयरधारक की जांच का सामना करना पड़ा जैसा कि मारुति सुजूकी के मामले में हुआ था।

कुल मिलाकर विनिर्माण कंपनियों में वित्त वर्ष 2025 के दौरान रॉयल्टी भुगतान घटकर बिक्री का 0.47 फीसदी रहा जो वित्त वर्ष 2024 में 0.67 फीसदी था। खनन, बिजली के साथ-साथ निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियों के भी रॉयल्टी भुगतान में गिरावट आई है।

बाजार नियामक सेबी ने नवंबर 2024 में रॉयल्टी पर एक परामर्श पत्र जारी किया था।अध्ययन में कहा गया है, ‘व्यवसाय वृद्धि के परिप्रेक्ष्य से रॉयल्टी भुगतान को एक व्यय के रूप में माना जाना आवश्यक है मगर जब ऐसे भुगतान को लाभप्रदता के दृष्टिकोण से देखा जाता है तो इतना गंभीर मुद्दा सामने आता है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’

इसने रॉयल्टी भुगतान करने वाली नुकसान में चल रही 185 कंपनियों पर ध्यान दिया। ऐसी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2014-23 के बीच 1,355 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसमें 417 ऐसे उदाहरण भी बताए गए हैं जहां रॉयल्टी भुगतान अल्पांश शेयरधारकों को किए गए लाभांश भुगतान से अधिक था। सेबी के अध्ययन में कहा गया है कि 10 वर्षों की अवधि में 79 में से 11 कंपनियों और पांच वर्षों की अवधि में 79 में से 31 कंपनियों के मामले में रॉयल्टी भुगतान मुनाफे का 20 फीसदी से अधिक था। इस बारे में इन कपनियों कोई टिप्पणी नहीं मिली।

First Published - August 24, 2025 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट