रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने एक बार फिर अपना दम दिखाया है। भारत की सबसे बड़ी कंपनी ने 11 बैंकों के कंसोर्टियम से 3 अरब डॉलर का लोन लिया है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंपनी का पिछले दो साल का सबसे बड़ा लोन सौदा है।
यह पांच साल का लोन पिछले महीने फाइनल हुआ। इस पर ब्याज दर SOFR (Secured Overnight Financing Rate) से 120 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है। इसमें से $450 मिलियन जापानी येन में लिया गया है।
अब आप सोच रहे होंगे, इतना बड़ा लोन क्यों लिया? असल में रिलायंस को 2025 में अपने कुछ बड़े कर्ज चुकाने हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इस लोन से $700 मिलियन पहले ही इस्तेमाल कर लिए हैं। बाकी फंड का इस्तेमाल इस तिमाही में जरूरत के हिसाब से किया जाएगा।
मिड दिसंबर में तीन महीने का SOFR करीब 4.80% था। इस पर 120 बेसिस प्वाइंट जोड़ने पर यह लगभग 6% हो जाता है। जापानी येन वाले हिस्से पर ब्याज दर TIBOR (Tokyo Interbank Offer Rate) से 75 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है।
इस डील में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बैंक ऑफ अमेरिका की है, जिसने $343 मिलियन का लोन दिया है। इसके बाद DBS बैंक और HSBC ने $300 मिलियन, जापान के MUFG बैंक ने $280 मिलियन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने $275 मिलियन का योगदान किया है।
इसके अलावा, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, मिज़ुहो बैंक और SMBC ने $250 मिलियन दिए हैं। फर्स्ट अबू धाबी बैंक, सिटीबैंक और क्रेडिट एग्रीकोल CIB ने $241 मिलियन का फंड दिया है।
यह पहला मौका नहीं है जब रिलायंस ने ऐसा बड़ा कदम उठाया है। 2022 में भी कंपनी ने डुअल-करेंसी (डॉलर और येन) लोन के तहत $3 बिलियन का लोन लिया था। बाद में इसे बढ़ाकर $5 बिलियन कर दिया गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज को S&P से BBB+ रेटिंग मिली हुई है, जो भारत की सॉवरेन रेटिंग (BBB-) से बेहतर है। यह कंपनी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए बेहद आकर्षक बनाती है।