Reliance Industries Crude Oil Purchase: भारत की प्राइवेट सेक्टर की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले हफ्ते पश्चिम एशिया (Middle East) से कच्चा तेल खरीदा है और माना जा रहा है कि कंपनी आगे भी ऐसे और ऑर्डर दे सकती है। यह कदम इस बात का संकेत है कि रूसी तेल पर पश्चिमी देशों का बढ़ता दबाव अब रिलायंस की खरीद रणनीति को प्रभावित कर रहा है।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस ने कम से कम 2.5 मिलियन बैरल (25 लाख बैरल) तेल खरीदा है, जिसमें इराक का बसरा मीडियम (Basrah Medium), अल-शहीन (Al-Shaheen) और कतर लैंड (Qatar Land) शामिल हैं। हालांकि रिलायंस पहले भी इन देशों से तेल खरीदती रही है, लेकिन इस बार खरीदारी सामान्य से कहीं अधिक रही।
ट्रेडर्स का कहना है कि रिलायंस अब ऐसे देशों से भी तेल खरीदने की संभावनाएं तलाश रही है, जिनका कच्चा तेल रूसी तेल जैसी क्वालिटी का हो। अब तक रिलायंस भारत में रूस के तेल की सबसे बड़ी खरीदार रही है और अपनी रिफाइनरी के संचालन के लिए उसी पर काफी हद तक निर्भर रही है।
अमेरिका लगातार भारत पर रूसी तेल आयात घटाने का दबाव बना रहा है, ताकि यूक्रेन युद्ध में रूस की वित्तीय ताकत कम की जा सके। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद करने पर सहमति जताई है, हालांकि भारत सरकार ने इस दावे की पुष्टि नहीं की। भारतीय रिफाइनरियों ने संकेत दिया है कि वे रूसी तेल की खरीद घटा सकते हैं, लेकिन उसे पूरी तरह बंद नहीं करेंगे।
इसके अलावा, यूरोपीय संघ (European Union) ने भी रूसी तेल से बने पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 21 जनवरी से रोक लगाने की घोषणा की है। इस फैसले से रिलायंस की यूरोप को होने वाली तेल उत्पादों की निर्यात गतिविधियों पर असर पड़ सकता है। यूरोपीय दिशानिर्देशों में भारत को उन देशों में शामिल किया गया है, जिनसे तेल व्यापार करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है।