रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की नजर अब गुजरात के कच्छ पर लगी हुई है। कंपनी कच्छ में एक जैव ईंधन संयंत्र स्थापित करना चाहती है।
यह परियोजना एथेनॉल की 5 प्रतिशत स्वीकार्य सीमा के साथ घुलनशील पेट्रोल से संबद्ध है। आरआईएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस योजना की पुष्टि की लेकिन उन्होंने परियोजना के बारे में विस्तृत ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।
अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास जैव ईंधन क्षेत्र में प्रवेश करने की कुछ प्रमुख योजनाएं हैं। वैसे, हम कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इनमें एक विकल्प यह भी है कि हम जत्रोफा से जैव ईंधन के उत्पादन की संभावना तलाश रहे हैं।’ अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रिलायंस ने शुष्क क्षेत्र में एथेनॉल उत्पादन के लिए किस तरह की योजना बनाई है। एथेनॉल के उत्पादन के लिए बेहद पारंपरिक तरीकों में से एक तरीका गन्ना से तैयार किए गए शीरा से एथेनॉल का उत्पादन करना है।
कच्छ में फसल अध्ययन के लिए गुजरात सरकार के साथ कार्य कर रहे एक वैज्ञानिक ने बताया, ‘जत्रोफा से एथेनॉल उत्पादन को लेकर कई शोध किए गए हैं, लेकिन इन परीक्षणों का कोई निश्चित परिणाम नहीं निकला है।’
औद्योगिक विशेषज्ञों की ओर से यह तर्क भी दिया जाता रहा है कि दक्षिणी गुजरात में चीनी उद्योग एथेनॉल उत्पादन के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए रिलायंस गन्ना उद्योग से एथेनॉल की खरीद के लिए दीर्घावधि समझौता कर सकता है। वैसे, कच्छ में संयंत्र की स्थापना के पीछे आधार स्थापित नहीं हो सका है। आरआईएल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘हमने इस परियोजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है।’
अधिकारियों ने बताया कि रिलायंस कच्छ में संयंत्र स्थापित करने की योजना लंबे समय से बना रही है। भूकंप के बाद कच्छ में कंपनी ने मोबाइल हैंडसेट के लिए एक इकाई स्थापित करने की भी संभावना तलाशती रही है।
अधिकारियों के मुताबिक कंपनी ने कुछ वर्ष पहले ही जैव ईंधन परियोजना की योजना बनाई थी, लेकिन लोकेशन को लेकर इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि एक ओर जहां मैक्सिको और यूरोपीय संघ 100 प्रतिशत एथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल उत्पाद लांच करना चाहते हैं वहीं ब्राजील में 25 प्रतिशत ब्लेंडेड पेट्रोल अनिवार्य है।