रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) अपने 18 साल उम्र से ज्यादा के सभी कर्मचारियों को कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए टीका लगवाएगी। कर्मचारियों को भेजे एक पत्र में आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी (आरआईएल की गैर-कार्यकारी निदेशक) ने कहा, ‘रिलायंस सभी कार्य स्थलों पर अपने सभी कर्मचारियों और उनके पात्र पारिवारिक सदस्यों (18 साल से ऊपर) के लिए 1 मई से टीकाकरण कार्यक्रम ‘आर-सुरक्षा’ शुरू करेगी।’ समूह में करीब 200,000 लोग काम करते हैं।
कंपनी के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आरआईएल इस कार्यक्रम के लिए घरेलू और वैश्विक टीका निर्माताओं के साथ बातचीत कर रही है।
अंबानी परिवार ने कहा है कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के नए दिशा-निर्देशों के अनुरूप चलाया जाएगा। यह सभी पात्र कर्मचारियों के लिए टीकाकरण की लागत वहन करने की आरआईएल की मौजूदा पहल से अलग होगा।
उनका यह भी कहना है कि देश में कोविड-पॉजीटिव मामलों की संख्या अगले कुछ सप्ताहों के दौरान और बढ़ सकती है। इसके अलावा, कर्मचारियों को भेजे
गए पत्र में आगामी तीन महीनों तक महामारी को लेकर एक-दूसरे की मदद करने को भी कहा गया है।
महीने के शुरू में, केंद्र सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण संबंधित दिशा-निर्देशों में ढील दी थी। नए नियमों के अनुसार, केंद्र ने राज्य सरकारों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगवाने वालों का निर्णय लेने की अनुमति दी है। यह भी अनुमति दी गई है कि 18 साल, 45 साल से ऊपर के सभी लोग टीका लगाने के लिए पात्र होंगे। इनके अलावा, केंद्र ने टीकों के आयात और कीमत संबंधित सीमाएं हटाने की भी अनुमति दी है।
टीकाकरण के तीसरे चरण में घरेलू निर्माताओं को केंद्र को टीकों की 50 प्रतिशत आपूर्ति का निर्देश दिया गया है, शेष टीके राज्य सरकारों और खुले बाजार को बेचे जा सकेंगे। सरकारी आदेश के बाद जारी एक बयान में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा कि वह राज्य सरकारों को प्रति वायल 400 रुपये और निजी अस्पतालों को प्रति वायल 600 रुपये में टीकों की पेशकश करेगी। उसने कहा है कि यह कीमत विदेशी टीकों के मुकाबले कम है। विदेशी टीकों की कीमत प्रति खुराक 750 रुपये तक है।