भारत में दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनिंग कंपनियों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि कंपनी यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद अपने संयंत्रों के लिए रूसी तेल खरीदने से परहेज कर सकती है।
बुधवार को एक कार्यक्रम में कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं बिजनेस हेड (क्रैकर) राजेश रावत ने कहा, ‘भले ही हम रूस से कुछ खरीदारी कर सकते हैं, लेकिन प्रतिबंधों की वजह से हम इससे दूर रहेंगे।’ रिलायंस रूस से अपनी रिफाइनरियों के लिए ‘युराल्स’ क्रूड और स्ट्रेट रन फ्यूल ऑयल खरीदती है। निजी रिफाइनर कंपनी मुख्य तौर पर अपना ज्यादातर पेट्रो रसायन पश्चिम एशिया और अमेरिका से खरीदती है।
रूस पर प्रतिबंधों से कई कंपनियों और देशों को अपना तेल वहां से खरीदने से परहेज करने के लिए बाध्य होना पड़ा है जिससे वहां रूसी क्रूड तेल काफी निचले स्तर पर आ गया है।
रावत ने कहा कि भारत में रूस से ज्यादातर तेल आपूर्ति सरकार-संचालित कंपनियों के लिए की जा रही है।
रावत ने एशिया रिफाइनिंग ऐंड पेट्रोकेमिकल समिट में कहा, ‘इसलिए, शायद ये तेल स्रोत बरकरार रहेंगे, या निजी क्षेत्र की कंपनियों के मुकाबले कम प्रभाव पड़ेगा। चूंकि हमने बैंकों के साथ सौदा किया है, और भले ही हम कुछ तेल रूस से खरीद सकते हैं, लेकिन शायद फिर भी प्रतिबंधों की वजह से इससे दूर बने रहेंगे।’ यूक्रेन पर रूस द्वारा 24 फरवरी को हमला शुरू किए जाने के बाद से, भारत की शीर्ष रिफाइनर कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प ने 30 लाख बैरल रूसी युराल्स कच्चा तेल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने निविदाओं के जरिये 20 लाख बैरल तेल खरीदा है।