अदाणी समूह ने कहा है कि रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की इकाई रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने दिसंबर 2021 में शेयर खरीद समझौते (एसपीए) के तहत एक खास विवाद पर मध्यस्थता शुरू की थी और महज 500 करोड़ रुपये का दावा किया था।
अदाणी समूह पिछले सप्ताह रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा दिए गए उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहा था जिसमें कहा गया कि उसने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन (एमसीआईए) में अदाणी ग्रुप के खिलाफ 13,400 करोड़ रुपये का मध्यस्थता दावा किया।
रिलायंस ने अपना मुंबई विद्युत वितरण व्यवसाय अदाणी ट्रांसमिशन को स्थानांतरित करने से संबंधित दिसंबर 2017 के शेयर खरीद समझौते के उल्लंघन का जिक्र किया। दोनों पक्षों ने इस विवाद के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी है। अदाणी समूह ने कहा कि जांच प्रक्रिया के बाद अदाणी ट्रांसमिशन/अदाणी इलेक्ट्रिसिटी ने आर-इन्फ्रा के दावे को ठुकरा दिया और इसके बदले एटीएल/अदाणी ने कहा कि आर-इन्फ्रा ने अभी शेयर खरीद समझौते के तहत एईएमएल के बड़े दावों को नहीं निपटाया है।
इस साल, फरवरी और अगस्त में, आर-इन्फ्रा ने पूरक मध्यस्थता अनुरोध सौंपे और अतिरिक्त विवादों एवं दावों को उठाया। अदाणी के बयान में कहा गया है, ‘हमारी नजर में, ये बाद के विचार हैं और अपुष्ट स्थिति पर आधारित हैं। एटीएल/अदाणी इलेक्ट्रिसिटी विवाद समाधान के लिए एसपीए के तहत निर्धारित प्रक्रिया पर अमल कर रही है और तथ्यों से पीछे नहीं हटेगी तथा मध्यस्थता सुनवाई में आर-इन्फ्रा के खिलाफ अपने स्वयं के दावे पेश करेगी।’
वर्ष 2017 में, अदाणी समूह ने 18,800 करोड़ रुपये में आर-इन्फ्रा से मुंबई विद्युत व्यवसाय खरीदा था। इस सौदे के तहत आर-इन्फ्रा ने शहर में अपना ऊर्जा व्यवसाय अदाणी ट्रांसमिशन को बेच दिया था जिसमें ऊर्जा का निर्माण वितरण और पारेषण शामिल था। इससे प्राप्त कोष का इस्तेमाल ऋणदाताओं को कर्ज चुकाने में किया गया था। एमसीआईए भारत में मध्यस्थता संस्था है जिसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यवसायों और कानूनी समुदायों के बीच संयुक्त पहल के तौर पर शुरू किया गया।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर 7 प्रतिशत चढ़कर 174 रुपये पर बंद हुआ। अदाणी ट्रांसमिशन के शेयर में करीब 1 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।