अनुमानित तौर पर 40,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां व परियोजनाओं के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज खामोशी के साथ रियल एस्टेट की अहम कंपनी बन गई और कंपनी में इस पोर्टफोलियो के मुद्रीकरण की क्षमता भी है।
जेपी मॉर्गन के रिसर्च में विश्लेषकों ने कहा है कि रियल एस्टेट पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी बिक्री से आरआईएल को 1 अरब डॉलर से लेकर 5 अरब डॉलर तक जुटाने में मदद मिलेगी और कंपनी के शेयरों में उछाल के लिए यह अहम संकेतक बन सकता है। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रियल एस्टेट को लेकर अपनी योजना पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया।
रियल एस्टेट में प्रवेश आरआईएल की तीन सहायक कंपनियों व उनकी सहायकों के जरिए हुआ है और इनमें मॉडल इकनॉमिक टाउनशिप लिमिटेड (एमईटी- जिसके पास 71 अरब रुपये की इन्वेंट्री है), आरआईएल की 100 फीसदी हिस्सेदारी वाली सहायक इंडियन फिल्म कंबाइन प्राइवेट लिमिटेड (खाते में 27 अरब रुपये का प्रोजेक्ट) और उनमें सबसे बड़ी रिलायंस कॉरपोरेट आईटी पार्क (कुल परिसंपत्तियां 310 अरब रुपये) शामिल हैं, जिसका ज्यादातर हिस्सा अचल परिसंपत्तियों में लगा हुआ है।
आरआईएल के मुताबिक, एमईटी 8250 एकड़ में फैली एकीकृत औद्योगिक, आवासीय, वाणिज्यिक व रीक्रिएशनल टाउनशिप है, जो गुडग़ांव से 30 किलोमीटर दूर है। एमईटी ने इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया है, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फुटवियर, फार्मा, इंजीनियरिंग और एसएमई क्वस्टर शामिल है और कंपनी प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल भी बना रही है।
एकीकृत टाउनशिप पहले चरण में 190 से ज्यादा कंपनियों को शामिल कर चुकी है, जिनमें पैनासोनिक, डेंसो टी सुजूकी जैसी कंपनी शामिल हैं। साथ ही 40 फीसदी से ज्यादा कंपनियां जापान, कोरिया और फ्रांस की हैं। पास में गुडग़ांव व मानेसर में वाहन केंद्र होने से उनके कई यूजर्स मारुति सुजूकी, होंडा मोटर्स और होंडा टू व्हीलर्स के ओईएम सप्लायर हैं। कंपनी सात एंकर क्लाइंटों को शामिल करने में सक्षम हुई है जो अभी 400 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र ले चुके हैं।
दूसरा चरण मार्च 2021 तक चलेगा और 70 कंपनियोंं ने सेल डीड पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी आवासीय परियोजनाओं के लिए भी योजना को अंतिम रूप दे रही है, जो तीसरे चरण में गोल्फ कोर्स के साथ होगा।
एमईटी संयुक्त उद्यम साझेदार को भी शामिल करने पर विचार कर रही है। उदाहरण के लिए कंपनी ने इस परिसर में 1.3 अरब वर्गफुट लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करने के लिए इंडोस्पेस के साथ गठजोड़ किया है। सूत्रों ने कहा कि आवासीय परियोजना में भी संयुक्त उद्यम साझेदार हो सकते हैं।
फिल्म कंबाइन के जरिए रियल एस्टेट में कंपनी का प्रवेश मुंबई तक संकेंद्रित है। कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि आरआईएल व मेकर ग्रुप के बीच के संयुक्त उद्यम मेकर मैक्सिटी के जरिए वह कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बना रही है, जो बांद्रा कुर्ला कॉम्पलैक्स में पट्टे पर उन्हें दी गई जमीन पर दो चरणों में विकसित होगा। पहला चरण पूरा हो चुका है, जिसके तहत पांच ऑफिस बिल्डिंग बनाए गए। दूसरे चरण पर काम हो रहा है जहां हॉस्पिटैलिटी व एंटरटेनमेंट कॉम्पलैक्स बनाए जाएंगे, जिनमें शहरी होटल रिसॉर्ट, सुपर लक्जरी मॉल, कन्वेंशन सेंटर शामिल होंगे।
सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी कंपनी रिलायंस कॉरपोरेट आईटी पाक्र्स की मुख्य गतिविधियों में उनके रियल एस्टेट व प्लेटफॉर्म, प्रोजेक्ट व बिजनेस सर्विसेज आदि का इस्तेमाल करने वालों को सपोर्ट सर्विसेज मुहैया कराना शामिल है। कंपनी 500 एकड़ के कॉम्पलैक्स का परिचालन कर रही है, जिसे रिलायंस कॉरपोरेट पार्क, नवी मुंबई के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा वहां
रिलायंस जियो के कार्यालय, स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स और स्टेडियम है और अभी भी वहां काफी जमीन बची हुई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।