वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के चेयरमैन का पद जल्द भरने को इच्छुक है। यह पद मई 2021 से खाली है। हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई कि कब तक नियुक्ति हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी)के चेयरमैन पद पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया में है। अजय त्यागी का चेयरमैन के रूप में कार्यकाल 28 फरवरी 2022 में खत्म हो रहा है।
संवाददाताओं से बात करते हुए सीतारमण ने आईआरडीएआई के चेयरमैन के खाली पद का हवाला देते हुए कहा, ‘मुझे पता है कि यह पद रिक्त है। अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे व्यक्ति संभवत: कामकाज चला रहे हैं और सरकार जल्द किसी को नियुक्त करेगी।’
आईआरडीएआई के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया ने मई 2021 में 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद पद छोड़ा था। उन्हें कार्य विस्तार नहीं दिया गया। हालांकि सरकार ने आईआरडीएआई के चेयरमैन पद के लिए आवेदकों को आमंत्रित किया था, लेकिन अब तक कोई नियुक्ति नहीं की गई। सूत्रों ने कहा कि गैर जीवन बीमा के सदस्य टीएल अलमेलु अंतरिम व्यवस्था के रूप में बीमा नियामक के प्रमुख का कामकाज संभाल रहे हैं।
दिलचस्प है कि बीमा नियामक का पद ऐसे समय में खाली पड़ा है, जब जीवन बीमा क्षेत्र की दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना है। इसे उद्योगों का निजीकरण शुरू होने के बाद से सबसे बड़ी घटना माना जा रहा है। साथ ही इस समय बीमा क्षेत्र बड़े पैमाने पर कोविड संबंधी दावों का भुगतान कर रहा है। इसके चेयरमैन पद की दौड़ में कई नाम शामिल हैं, जिनमें नियामक के सदस्य भी शामिल हैं।
सेबी के चेयरमैन पद का हवाला देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘आवेदन मांगने की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। चयन का काम संभवत: होना है। ऐसे में आपको 28 फरवरी तक इंतजार करना होगा कि हम इस मामले में क्या करने जा रहे हैं।’
केंद्र ने अक्टूबर 2021 में बाजार नियामक सेबी के चेयरपर्सन पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। त्यागी ने 2017 में 3 साल के लिए पदभार संभाला था। फरवरी 2020 में त्यागी को 6 माह का कार्यविस्तार दिया गया। बाद में अगस्त 2020 में सरकार ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए 18 महीने के कार्यविस्तार को स्वीकृति दी थी। त्यागी के पहले इस पद पर रहे यूके सिन्हा को भी 3 साल के लिए नियुक्त किया गया था और उनका कार्यकाल कई बाद बढ़ाया गया। वह 2011 से 2017 तक 6 साल अपने पद पर बने रहे।
बहरहाल सीतारमण ने यह भी आश्वासन दिया कि खाली पदों का मामला सरकार के संज्ञान में है और जल्द ही सबसे बड़ी सरकारी सामान्य बीमाकर्ता न्यू इंडिया एश्योरेंस के चेयरमैन पद पर भी नियुक्ति करेगी, जिसके चेयरमैन अतुल सहाय का कार्यकाल इस महीने के अंत तक पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि खाली पदों को भरने के लिए जो भी कदम जरूरी हैं, उठाए जाएंगे।
यह मसला इसलिए भी अहम है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि सरकारी बैंकों के प्रमुखों का चयन करने वाला निकाय बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) सरकारी बीमा कंपनियों के प्रमुखों की नियुक्ति करने के लिए प्राधिकृत निकाय नहीं है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि बीबीबी को बीमा कंपनियों के जीएम और निदेशकों के चयन के लिए जारी की गई अधिसूचना कानूनी रूप से वैध नहीं है। इस मामले में अगली सुनवाई मार्च 21 में होने वाली है।
ऐसी खबरें थीं कि संभवत: सरकारी बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के मौजूदा चेयरमैन अंजन डे को न्यू इंडिया एश्योरेंस के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। इसके साथ ही वह ओरिएंटल इंश्योरेंस के चेयरमैन के पद पर भी रहेंगे। लेकिन कहा जा रहा है कि कॉर्पोरेट प्रशासन के मसले का हवाला देते हुए बीमा नियामक इस कदम से सहमत नहीं है।