Rera Project Registration: रियल एस्टेट रेगुलेशन ऐंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) रियल उद्योग और मकान खरीदारों के अच्छा साबित हो रहा है। रेरा में रियल एस्टेट उद्योग परियोजनाओं का पंजीयन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, वहीं खरीदारों की समस्याओं के निवारण में भी तेजी देखने को मिल रही है। परियोजनाओं का पंजीयन एक लाख पार कर गया है। बीते दो साल में पंजीयन में 63 फीसदी इजाफा हुआ है।
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक समूह ने आवास व शहरी विकास मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से बताया कि देश में इस साल 28 नवंबर तक रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीयन 1,16,117 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। बीते दो साल में पंजीयन में 63 फीसदी इजाफा हुआ है। साल 2021 के नवंबर अंत तक 71,307 परियोजनाएं रेरा में पंजीकृत थी। इस समय महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 42,204 परियोजनाएं पंजीकृत हैं।
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इसके बाद 18,915 परियोजनाएं तमिलनाडु में पंजीकृत हैं। गुजरात में 12,250, उत्तर प्रदेश में 3,519, मध्य प्रदेश में 5,580, कर्नाटक में 6,582, तेलंगाना में 8,227, आंध्र प्रदेश में 3,900, राजस्थान में 2,739, दिल्ली में 89 और हरियाणा में 1,123 परियोजनाएं पंजीकृत हैं। रेरा में इस समय 82,755 ब्रोकर एजेंट पंजीकृत हैं और दो साल में इनकी संख्या में 47 फीसदी वृद्धि हुई है। 2021 के नवंबर अंत तक 56,177 ब्रोकर पंजीकृत थे।
एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि रेरा के तहत परियोजनाओं का पंजीयन बढ़ने के साथ ही मकान खरीदारों की शिकायतों का निवारण भी हो रहा है। रेरा ने अब तक विभिन्न राज्यों में मकान खरीदारों की 1,16,300 शिकायतों का निवारण किया है। बीते दो साल के दौरान शिकायतों के निवारण में 47 फीसदी इजाफा हुआ है। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण हुआ है।
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इस राज्य की 44,602 शिकायतों को समाधान हुआ है। इसके बाद हरियाणा की 20,604, महाराष्ट्र की 15,423, मध्य प्रदेश की 5,694, गुजरात की 4,865, कर्नाटक की 4,435 और दिल्ली की 555 शिकायतों का समाधान हुआ है।