रियल एस्टेट

RBI की ब्याज दर कटौती से रियल एस्टेट को राहत, सस्ती EMI से बढ़ेगी घरों की मांग

विशेषज्ञों को मानना है कि 2025 में रीपो दर में 100 आधार अंक कमी से मकान खरीदने वालों के लिए कर्ज सस्ता हो सकता है तथा मासिक किस्त (ईएमआई) घट सकती है।

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प्राची पिसल   
Last Updated- June 06, 2025 | 9:34 PM IST

रियल एस्टेट उद्योग को उम्मीद है कि रीपो रेट में उम्मीद से ज्यादा यानी 50 आधार अंक की कटौती करने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले से देश भर में मकानों की मांग में सुधार होना चाहिए। दरों में कटौती हाल में मकानों की बिक्री में तेज गिरावट के बीच आई है। एनारॉक के मुताबिक 2025 की पहली तिमाही में मकानों के दाम बढ़ने और भूराजनीतिक चुनौतियों के कारण आवासों की बिक्री 28 फीसदी घट गई।

विशेषज्ञों को मानना है कि 2025 में रीपो दर में 100 आधार अंक कमी से मकान खरीदने वालों के लिए कर्ज सस्ता हो सकता है तथा मासिक किस्त (ईएमआई) घट सकती है। इस समय आवास ऋण पर औसत ब्याज दर करीब 8.5 फीसदी है और बैंकों ने दर कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को दिया तो औसत दर 8 फीसदी रह जाएगी।

रियल एस्टेट डेवलपरों की संस्था क्रेडाई के अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा कि ईएमआई घटने से ग्राहकों का हौसला बढ़ेगा और पहली बार मकान खरीदने वाले लोग बाजार में आएंगे। गृहम रियल्टी के मुख्य परिचालन अधिकारी और मुख्य विपणन अधिकारी अंकित शाह ने कहा, ‘मकान खरीदने के इच्छुक, खास तौर पर पहला घर खरीदने वाले लोगों के लिए यह सुनहरा मौका है।’

ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के मुख्य वित्तीय अधिकारी जयंत मनमाडकर को मकानों की पूछताछ बढ़ने और बिक्री में तेजी की उम्मीद है क्योंकि घर के इच्छुक लोगों के लिए अब ईएमआई का प्रबंध आसान हो जाएगा। दर में कटौती से किफायती और मझोली श्रेणी के उन मकानों की मांग में सबसे ज्यादा तेजी आने की संभावना है, जिन पर ब्याज दर का ज्यादा असर पड़ता है। पिछले कुछ साल में मकानों की बिक्री घटने और नई परियोजनाएं नहीं आने से किफायती मकानों को सबसे ज्यादा झटका लगा है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (एमडी) शिशिर बैजल का कहना है कि पिछले कुछ सालों से आवास बाजार में प्रीमियम संपत्तियों में ही तेजी रही है और किफायती मकानों की बिक्री कमजोर पड़ी है। नारेडको और हीरानंदानी समूह के चेयरमैन डॉ निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘ इस दर कटौती से रियल एस्टेट क्षेत्र में कर्ज बढ़ेगा, खरीदारी तेज होगी और विकास की रफ्तार जोर पकड़ेगी।’

एनारॉक के अनुसार 2019 में बिकने वाले 38 फीसदी मकान किफायती श्रेणी में थे मगर 2024 में उनकी हिस्सेदारी घटकर 18 फीसदी रह गई। इन मकानों की आपूर्ति भी 40 फीसदी से घटकर 16 फीसदी रह गई। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘इस कटौती से कर्ज सस्ता होगा, आवास ऋण की ईएमआई कम होगी और खरीदारों के लिए मकान खरीदना आसान हो जाएगा। इससे भारतीय रियल एस्टेट में और खास तौर पर किफायती तथा मझोली श्रेणियों में मांग बढ़ सकती है।’

रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) भी 100 आधार अंक घटाकर 3 फीसदी कर दिया। इससे डेवलपरों को अधिक पूंजी मिलेगी और परियोजनाएं समय पर पूरी करने में उन्हें मदद मिल सकती है। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘सीआरआर में कमी से बैंकिंग प्रणाली में तरलता काफी बढ़ने की उम्मीद है। इससे बैंक और भी ज्यादा कर्ज दे सकेंगे।’ टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के एमडी और सीईओ संजय दत्त को लगता है कि निर्माण की बढ़ती लागत और कारोबार करने के बढ़ते खर्च के बीच दर घटने से डेवलपरों के लिए उधारी सस्ती हो जाएगी।

First Published : June 6, 2025 | 9:34 PM IST