रीयल एस्टेट में मंदी के कयास को झूठलाते हुए मंगलवार को देश में व्यावसायिक जमीन की सबसे बड़ी खरीदारी की गई। दो-तीन हजार करोड़ की नहीं, 5006 करोड़ की खरीदारी।
किसी जमीन के लिए इतनी बड़ी रकम अबतक पूरे देश में नहीं चुकायी गयी थी। 95 एकड़ के इस प्लॉट की खरीदारी किसी महानगर में नहीं बल्कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में हुई। यानी कि एक वर्गमीटर की कीमत हुई, एक लाख 30 हजार 207 रुपये। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के नेतृत्व में जमीन की बोली लगाई गई।
रीयल एस्टेट के बड़े-बड़े खिलाड़ियों ने इसमें भाग लिया था। लेकिन सभी को पटकनी देते हुए दिल्ली की कंपनी बीपीटीपी ने खरीदारी को अंजाम दे दिया।
इस बोली के बाद बीपीटीपी के एमडी काबुली चावला ने बताया कि वे वहां व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ऑफिस के साथ-साथ मॉल, होटल व हब का निर्माण करेंगे।
उनका कहना है कि दिल्ली में व्यावसायिक कामों के लिए जगह की कमी हो गई है। लिहाजा वे नोएडा में लोगों को यह सुविधा मुहैया कराएंगे। उन्होंने नोएडा में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की भी तारीफ की। इससे पहले देश में व्यावसायिक जमीन की सबसे बड़ी खरीदारी मुंबई के बांद्रा कुर्ला में की गई थी।
गत नवंबर महीने में हुई इस खरीदारी में मात्र 6 एकड़ जमीन के लिए 2790 करोड़ रुपये की कीमत अदा की गई थी।
मंगलवार को हुई खरीदारी में कौन-कौन थे बड़े खिलाड़ी
नोएडा की इस जमीन को खरीदने के लिए बीपीटीपी के अलावा ओमेक्स व डीएलएफ ने भी बोली लगाई।
अंसल इस दौड़ से पहले ही बाहर हो चुका था। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से इस 95 एकड़ जमीन की न्यूनतम कीमत 2961 करोड़ रखी गई थी। डीएलएफ ने इस जमीन को खरीदने के लिए 1 लाख 17 हजार ररुपये पप्रतिवर्ग मीटर की बोली लगाई।
जबकि ओमेक्स ने 80 हजार 100 ररुपये पप्रतिवर्गमीटर की बोली लगाई।
क्या खासियत है इस जमीन की
95 एकड़ का यह प्लॉट नोएडा सेक्टर 94 के पास स्थित है। जो एक्सप्रेस वे के पास है। वही एक्सप्रेस वे जो आगरा तक जाता है। यह जमीन आगरा व दिल्ली दोनों तरफ जाने वाले रास्ते के मुहाने पर है। इसके ठीक सामने एनआरआई कॉलोनी है।
यानी कि आगरा से आकर भी यहां से व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा सकती है। यहां पर दिल्ली के नेहरू प्लेस की तर्ज पर व्यावसायिक भवन बनने की उम्मीद जताई जा रही है।
नोएडा प्राधिकरण को और भी हो सकता था फायदा
रीयल एस्टेट के विशेषज्ञों का मानना है कि 95 एकड़ जमीन को अगर टुकड़ों में बांट कर बेचा जाता तो नोएडा प्राधिकरण को कई गुना ज्यादा नफा होता। जानकर कहते हैं कि मुंबई में मात्र 6 एकड़ जमीन की बिक्री 2790 करोड़ में की गई।
उस लिहाज से नोएडा प्राधिकरण को मिलने वाली रकम कुछ भी नहीं है। प्राधिकरण चाहता तो कम से कम तीन गुना और कमा सकता था।