भले ही आवासीय रियल एस्टेट बाजार के शीर्ष पर पहुंचने के बाद चिंताएं बढ़ गई हों लेकिन ऑफिस रियल एस्टेट के लिए परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। सूचीबद्ध रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) को इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती मांग से लाभ मिलेगा।
एचएसबीसी की ताजा रिपोर्ट में आवासीय क्षेत्र में मंदी के शुरुआती संकेत दिए गए हैं। विश्लेषक पुनीत गुलाटी और अक्षय मल्होत्रा ने मकानों की बिक्री में गिरावट, किसी शहर का अच्छा तो किसी का खराब प्रदर्शन, अपार्टमेंट के आकार में स्थिरता और बगैर बिके मकानों की संख्या के निचले स्तर पर पहुंचने जैसे कारकों को बाजार के परिपक्व होने का संकेत बताया है।
जहां कुछ ब्रोकरों ने सूचीबद्ध आवासीय कंपनियों के लिए अनुमान और कीमत लक्ष्यों में कटौती की है, वहीं वाणिज्यिक रियल एस्टेट और रीट्स ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। इन शेयरों ने इस साल प्रमुख सूचकांकों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, जो टिकाऊ लीजिंग गतिविधियों और लगातार लाभांश वृद्धि की वजह से
हुआ है।
जेफरीज रिसर्च के विश्लेषक अभिनव सिन्हा के अनुसार दो साल के खराब प्रदर्शन के बाद ऑफिस रीट्स ने इस साल बीएसई रियल्टी इंडेक्स को अभी तक 20-30 प्रतिशत अंकों से पीछे छोड़ दिया है। वे इसका कारण मजबूत ऑफिस डिमांड, घटते प्रतिफल और नेट एसेट वैल्यू से कम मूल्यांकन को बताते हैं, जिसने प्रमुख बाजारों में कमजोरी के बावजूद रीट्स को काफी हद तक सहारा दिया है।
रीट के प्रदर्शन का मुख्य कारण ऑफिस स्पेस की मांग में वृद्धि रहा है। कुशमैन ऐंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार भारत के कार्यालय बाजार में 2024 में 5 करोड़ वर्ग फुट (एमएसएफ) की रिकॉर्ड शुद्ध लीजिंग देखी गई जो 2019 के पिछले ऊंचे स्तर से 16 प्रतिशत अधिक है।
खाली जगह की दर भी घटकर 16 प्रतिशत रह गई जो महामारी के बाद सबसे कम है क्योंकि नई आपूर्ति 4.3 करोड़ वर्ग फुट पर सीमित बनी रही। इससे खाली जगह के स्तर में 220 आधार अंक की गिरावट आई।
मांग को सूचना प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों से मदद मिली जिनका कुल पट्टे में 30 प्रतिशत योगदान था। इसके बाद बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (17 प्रतिशत), इंजीनियरिंग और विनिर्माण (17 प्रतिशत) और फ्लेक्सीबल वर्कस्पेस (14 प्रतिशत) का स्थान रहा।
सीबीआरई के अनुसार पिछले चार वर्षों में विशेष रूप से फ्लेक्सीबल (फ्लेक्सी) वर्कस्पेस ने पूंजी दक्षता, लागत बचत, कर्मचारी कल्याण और परिचालन आउटसोर्सिंग के कारण लोकप्रियता हासिल की है। वर्ष 2018 से कुल फ्लेक्स स्पेस चार गुना बढ़कर 8 करोड़ वर्ग फुट हो गया है जो 24 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। 2027 तक इसके 12.5 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंचने का अनुमान है।
केयरएज रेटिंग्स में कॉरपोरेट और इन्फ्रा रेटिंग्स में वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख राजश्री मुरकुटे का मानना है कि भारतीय रीट बाजार में आगे भी तेजी की संभावना है क्योंकि उसे आगामी रीट पेशकशों और अच्छी गुणवत्ता वाली रीट-योग्य परिसंपत्तियों के मजबूत योजनाओं से मदद मिलेगी। उन्हें ग्रेड ए वाणिज्यिक रियल एस्टेट और विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी से लगातार वृद्धि की उम्मीद है।
जेफरीज रिसर्च का सुझाव है कि ऑफिस आपूर्ति में कमी और किराए में संभावित बढ़ोतरी से मूल्यांकन बढ़ सकता है। साथ ही नेट ऐसेट वैल्यू में भी इजाफा हो सकता है। फर्म ने एम्बेसी ऑफिस पार्क रीट और माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स रीट को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।
जियोजित रिसर्च ने मजबूत वितरण वृद्धि, सुधरती ऑक्यूपेंसी दर, किराये में वृद्धि, मौजूदा परियोजनाओं और विलय के अवसरों को देखते हुए माइंडस्पेस रीट और ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट पर सकारात्मक रुख अपनाया है।
जेएम फाइनैंशियल रिसर्च ने एम्बेसी ऑफिस पार्क्स को अपनी मुख्य पसंद बताया है। उसका कहना है कि कंपनी ने 2024-25 (वित्त वर्ष 2025) के पहले नौ महीनों में 50 लाख वर्ग फुट जगह लीज पर ली है और वह 65 लाख वर्ग फुट के अपने पूरे साल के लीजिंग लक्ष्य को पूरा कर लेगी। उसकी 74 लाख वर्ग फुट की निर्माण परियोजनाएं आगे की विकास संभावनाओं को मजबूत बना रही हैं।
विश्लेषक सुमित कुमार ने वर्ष 2026-27 के दौरान परिचालन आय में 12 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया है और 425 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ खरीदें रेटिंग बनाए रखी है, जो 23 प्रतिशत के संभावित रिटर्न का संकेत है। इसमें 7 फीसदी लाभांश प्रतिफल और 16 प्रतिशत पूंजी वृद्धि शामिल है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पिछले महीने नेक्सस सेलक्ट ट्रस्ट को अपग्रेड किया था और कहा था कि मार्क-टू-मार्केट अवसरों से संभावित लाभ 2025-26 के बाद 5-6 प्रतिशत पोर्टफोलियो किराया वृद्धि और मूल्य-वर्धक अधिग्रहण सो होग और इस तरह वितरण प्रतिफल के अलावा 6-7 प्रतिशत सालाना पूंजीगत मूल्य वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है।