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आवासीय मांग और कीमत में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद

सर्वे में 53 फीसदी डेवलपर्स का कहना है कि 2022 की तुलना में 2023 में खरीदारी के बारे में पूछताछ और इससे जुड़ी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।

Last Updated- July 05, 2024 | 6:53 PM IST
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बड़े शहरों की तरह छोटे और मझोले शहरों में भी आवासीय मांग में वृद्धि हुई है। डेवलपर्स को उम्मीद है कि 2024 में भी आवासीय मांग में और कीमतों में तेजी का दौर बरकरार रहेगा।

क्रेडाई और कोलियर्स द्वारा अप्रैल-मई 2024 के दौरान किए गए डेवलपर सेंटीमेंट सर्वे के मुताबिक देश में मजबूत मांग की वजह से लगभग 52 फीसदी डेवलपर्स को उम्मीद है कि 2024 में आवास की कीमतें बढ़ेंगी।

2023 के दौरान, देश के आठ बड़े शहरों में आवास की कीमतों में औसतन 9 फीसदी की वार्षिक बढ़त देखने को मिली है। यह रुझान 2024 की पहली तिमाही में 10 फीसदी वार्षिक ग्रोथ के साथ कायम रहा और साल के बाकी बचे हिस्से में भी तेजी जारी रहने की संभावना है, हालांकि यह ग्रोथ बहुत तेज नहीं होगी लेकिन इसमें स्थिरता रहेगी।

रियल एस्टेट डेवलपर्स सेंटीमेंट सर्वे 2024 रिपोर्ट में 2023 में आवासीय खंड के प्रदर्शन और 2024 में आवास बाजार की संभावित दिशा के बारे में डेवलपर्स का आकलन पेश किया गया है। इसमें देश के 18 राज्यों के 550 से डेवलपर्स की राय ली गई ।

सर्वे में 53 फीसदी डेवलपर्स का कहना है कि 2022 की तुलना में 2023 में खरीदारी के बारे में पूछताछ और इससे जुड़ी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। बढ़ती इनपुट लागत के बीच 45 फीसदी डेवलपर्स ने कहा कि 2023 में निर्माण लागत में 10-20 फीसदी की वृद्धि हुई है। लगभग आधे डेवलपर्स को लगता है कि 2024 में आवासीय मांग स्थिर रहेगी, जबकि 27 फीसदी को लगता है कि मांग में 25 फीसदी तक की बढ़त होगी।

सर्वे में शामिल 52% डेवलपर्स को उम्मीद है कि 2024 में आवास की कीमतें बढ़ेंगी । 25 फीसदी डेवलपर्स वैकल्पिक व्यवसाय मॉडल के रूप में प्लॉटेड डेवलपमेंट में संभावना तलाशने के लिए तैयार हैं, इसके बाद ब्रांडेड आवास सेगमेंट है जिसे अपने वैकल्पिक कारोबार के लिए 21 फीसदी डेवलपर्स ने पसंद किया है। 80 फीसदी से ज्यादा डेवलपर्स का मानना है कि आवासीय संपत्तियों के लिए एनआरआई मांग बढ़ेगी। लगभग 50 फीसदी डेवलपर्स टैक्‍स व्‍यवस्‍था को सरल बनाने या ब्याज दरों में कमी के जरिए लागत में बड़ी कटौती चाहते हैं।

क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि भारत की 2030 तक 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट की क्रांतिकारी शक्ति और प्रभाव से प्रेरित है। पिछली कुछ तिमाहियों में रियल एस्टेट सेक्टर की मजबूत ग्रोथ और इस सेक्टर में हुई खरीद-फरोख्त की मात्रा में बढ़त का असर भारतीय अर्थव्यवस्था द्वारा दर्ज की गई मजबूत तिमाही जीडीपी ग्रोथ में भी देखने को मिली है।

रियल एस्टेट डेवलपर्स सेंटीमेंट सर्वे 2024 सर्वे से पता चलता है कि वर्तमान डेवलपर सेंटीमेंट काफी हद तक सकारात्मक बना हुआ है। सर्वे में शामिल आधे से ज्यादा डेवलपर्स ने 2024 में बाजार की वर्तमान तेजी बने रहने उम्मीद जताई है। हालांकि, डेवलपर्स को नई सरकार से निर्माण की बढ़ती लागत से निपटने और टैक्स को तर्कसंगत बनाने की उम्मीद है। 50 फीसदी से ज्यादा डेवलपर्स इसके लिए सकारात्मक समाधान चाहते हैं।

कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक ने कहा कि सर्वे में शामिल 50 फीसदी से ज्यादा डेवलपर्स ने कहा है कि घर खरीदने वालों की पूछताछ में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

रेजिडेंशियल रियल एस्टेट में 2023 में तेजी देखने को मिली है। स्थिर ब्याज दरों, घर के स्वामित्व के लिए निरंतर बने रुझान और सकारात्मक बाजार भावना के कारण 2024 में भी तेजी का यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। पिछले दो सालों में हुए कई बड़े नए प्रोजेक्टों के चलते बिना बिके घरों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में निकट से मध्यम अवधि में लॉन्च में नरमी आने की उम्मीद है।

डेवलपर्स को उम्मीद है कि बजट 2024 में टैक्‍स को तर्कसंगत बनाया जाएगा, किफायती घरों के लिए रियायतें दी जाएंगी और एकल खिड़की मंजूरी की व्यवस्था दी जाएगी। इसके अलावा, जीएसटी से संबंधित इनपुट टैक्स रियायत और ब्याज दर में कमी से डेवलपर्स को वित्तीय मदद मिल सकती है और प्रोजेक्ट्स की डेवलेपर्स के लिए वित्तीय रूप से ज्यादा व्यावहारिक हो सकते हैं।

इसके अलावा, लगभग 30 फीसदी डेवलपर्स को उम्मीद है कि बेहतर रेग्युलेटरी ढांचे, सहायक सरकारी नीतियों और आसानी से मिलने वाली मंजूरियो से सुधार होगा। इस तरह के उपाय देश के निवेश माहौल और आवास सेक्टर की मांग को और बेहतर बना सकते हैं।

First Published - July 5, 2024 | 6:53 PM IST

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