मुंबई से बाहर की रियल एस्टेट डेवलपर कंपनियां पुनर्विकास परियोजनाओं के जरिये भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट बाजार में प्रवेश कर रही हैं। इन कंपनियों में दिल्ली की डीएलएफ, बेंगलूरु की प्रेस्टीज एस्टेट्स, पूर्वांकरा, पुणे की ब्लैकस्टोन के निवेश वाली कोल्टे-पाटिल डेवलपर्स, वास्कोन इंजीनियर्स और हैदराबाद की रामकी एस्टेट्स शामिल हैं। पुनर्विकास के लिए मुंबई के नीतिगत प्रोत्साहन और खुली जमीन के अभाव के बीच कारोबार में कम पूंजी की प्रकृति डेवलपरों को आकर्षित कर रही है। वे संपत्ति की ऊंची दरों से बेहतर आय हासिल करने के लिए ऐसेट-लाइट रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं।
वास्कोन इंजीनियर्स के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ वासुदेवन ने कहा, ‘मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में पुनर्विकास के लिए खाली जमीन की सीमित उपलब्धता है। इस कारण बाहर के डेवलपरों को मुंबई के बाजार में प्रवेश करने का मौका मिल जाता है। अतिरिक्त आकर्षक कारकों में स्लम पुनर्वास और सामुदायिक पुनर्विकास परियोजनाओं में फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के ऊंचे आकर्षण शामिल हैं। इनसे निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलता है।’
यहां तक कि बेंगलूरु की शोभा और अहमदाबाद की अरविंद स्मार्टस्पेस जैसी कंपनियां भी मुंबई में अवसरों का जायजा ले रही हैं। एमएमआर में रियल एस्टेट फोरम क्रेडाई-एमसीएचआई के अधिकारी ने कहा कि पूरे क्षेत्र में 25,000 से ज्यादा इमारतें पुनर्विकास के लिहाज से उपयुक्त हैं और कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 30,000 करोड़ से अधिक है।
रियल्टी कंपनी एनारॉक के अनुसार साल 2024 तक एमएमआर में संपत्ति की औसत कीमत 16,600 रुपये प्रति वर्ग फुट थी जबकि बेंगलूरु और हैदराबाद में दाम क्रमशः 8,380 रुपये प्रति वर्ग फुट और 7,300 रुपये प्रति वर्ग फुट थे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दाम 7,550 रुपये प्रति वर्ग फुट थे।
निवेश सलाहकार कंपनी इक्विरस में निवेश बैंकिंग के प्रबंध निदेशक विजय अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट में औसत मार्जिन लगभग 25 से 30 प्रतिशत है। लेकिन मुंबई का बाजार प्रति वर्ग फुट अधिक कमाई – 25,000 रुपये और 1 लाख रुपये के बीच के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ सूक्ष्म बाजारों को छोड़ दें तो अन्य शहरों में सामान्य कमाई 5,000 रुपये और 12,000 रुपये के बीच रहती है। ज्यादा प्राप्तियों से डेवलपरों को छोटे बिक्री क्षेत्र में अधिक राजस्व की मदद मिलती है। इससे उनकी प्रति वर्ग फुट की मिश्रित प्राप्ति में सुधार होता है।’ अग्रवाल ने कहा कि अलबत्ता अन्य बाजारों में किसी डेवलपर को उतना ही राजस्व कमाने के लिए 5,00,000 वर्ग फुट क्षेत्र को 10,000 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से बेचना होगा।
रियल एस्टेट सलाहकार एनेक्स एडवाइजरी के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक संजय डागा ने कहा, ‘सूचीबद्ध कंपनियां इस बाजार में परियोजनाओं को क्रियान्वित करके अपने राजस्व वृद्धि के अपने लक्ष्य हासिल कर सकती हैं।’
लेकिन इस अवसर की अपनी चुनौतियां भी हैं। मुंबई से बाहर के डेवलपरों के लिए पुनर्विकास में कई हितधारक शामिल होते हैं। साथ ही किसी नए बाजार में विश्वसनीय टीम का होना भी जरूरी होता है।