वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने भारतीय स्टेट बैंक सहित सभी सरकारी बैंकों को पत्र लिखकर कहा है कि वे एस्क्रो खातों में से धन की निकासी के समय रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम (रेरा ऐक्ट) 2016 का अनुपालन सुनिश्चित करें।
रेरा ऐक्ट की धारा 4 (2) (1) (डी) के मुताबिक डेवलपरों को प्रत्येक परियोजना की बिक्री से मिले धन का 70 प्रतिशत रेरा खातों में जमा करना होता है। डेवलपर द्वारा इसका इस्तेमाल निर्माण और भूमि अधिग्रहण पर आने वाले खर्च में ही हो सकता है।
बहरहाल इन खातों में से प्रवर्तक द्वारा धन तभी निकाला जा सकता है, जब आर्किटेक्ट, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट ने इसे प्रमाणित कर दिया हो।
आर्किटेक्ट से मिलने वाले प्रमाणपत्र में निर्माण कार्य पूरा होने के प्रतिशत का ब्योरा होता है कि उस परियोजना में लक्ष्य का कितना निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।
इंजीनियर के प्रमाण पत्र में प्रत्येक बिल्डिंग या परियोजना की विंग के निर्माण की लागत का ब्योरा होता है। वहीं चार्टर्ड अकाउंटेंट यह प्रमाणित करता है कि जमीन और निर्माण की लागत का भुगतान किया गया है।