Indian real estate-domestic investment: भारतीय रियल एस्टेट में अब घरेलू निवेशक ज्यादा रुचि ले रहे हैं। इस साल विदेशी निवेश में जहां कमी देखने को मिली है, वहीं घरेलू निवेश तेजी से बढ़ा है। बीते कुछ वर्षों के दौरान रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश में घरेलू निवेश की हिस्सेदारी बढ़ी है। घरेलू निवेश की बढ़ती हिस्सेदारी भारत में पूंजी निवेश परिदृश्य में बदलाव का संकेत देती है और जिसमें भारतीय संस्थागत निवेशक मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय रियल एस्टेट में 2025 की पहली तिमाही में स्थिर शुरुआत के बाद दूसरी तिमाही में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। हालांकि इस साल दोनों तिमाही यानी पहली छमाही की बात करें तो कुल निवेश में गिरावट दर्ज की गई है।
इस साल रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश के प्रदर्शन की बात करें तो यह खराब ही रहा। संपत्ति सलाहकार फर्म कॉलियर्स के मुताबिक पहली छमाही के दौरान 299.81 करोड़ डॉलर का संस्थागत निवेश हुआ, जो पिछली समान अवधि के 352.85 करोड़ डॉलर से 15 फीसदी कम है। लेकिन यह 2021 से अब तक के औसत अर्धवार्षिक निवेश 260 करोड़ डॉलर से अधिक है और यह निवेशकों की लगातार रुचि को दर्शाता है। दूसरी तिमाही में भी सालाना आधार पर संस्थागत निवेश 33 फीसदी घटकर 169.12 करोड़ डॉलर रह गया। हालांकि दूसरी तिमाही में निवेश में सुधार देखने को मिला है क्योंकि दूसरी तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में निवेश में 29 फीसदी इजाफा हुआ है।
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रियल एस्टेट में इस साल कुल संस्थागत निवेश में भले ही कमी देखी जा रही हो, लेकिन घरेलू निवेशक दिल खोलकर निवेश कर रहे हैं। कॉलियर्स के अनुसार पहली छमाही में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में घरेलू निवेश 53 फीसदी बढ़कर 142.75 करोड़ डॉलर हो गया, जबकि इसी दौरान विदेशी निवेश 39 फीसदी घटकर 157 करोड़ डॉलर रह गया। दूसरी तिमाही में भी घरेलू निवेश में 32 फीसदी इजाफा हुआ है, जबकि विदेशी निवेश में 49 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
कॉलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा कि भारत के रियल एस्टेट निवेश में घरेलू पूंजी एक प्रमुख प्रेरक शक्ति के रूप में उभरकर सामने आई है। 2021 में कुल निवेशों में इसका हिस्सा 16 फीसदी था, जो 2024 में बढ़कर 34 फीसदी हो गया। 2025 की पहली छमाही में घरेलू निवेश का हिस्सा बढ़कर 48 फीसदी हो गया है, यह पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 53 फीसदी अधिक है। घरेलू निवेश में वृद्धि के उलट विदेशी निवेश में गिरावट के साथ ही इसकी हिस्सेदारी में कमी आई है।
याग्निक ने कहा कि घरेलू निवेशकों की दम पर ही वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिली और कुल निवेश 3 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच पाया। 2025 की पहली छमाही में घरेलू निवेश का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा आवासीय और ऑफिस परिसंपत्तियों में गया, जो मुख्य क्षेत्रों में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
Trends in Domestic & Foreign investments in Q2 2025 and H1 2025 (in USD million) –
City |
Q2 2025 |
Q2 2024 | Investment share in Q2 2025 (%) | Q2 2025 vs Q2 2024 |
H1 2025 |
H1 2024 | Investment share in H1 2025 (%) | H1 2025 vs H1 2024 (%YoY change) |
(% YoY Change) | ||||||||
Domestic | 642.8 | 486.5 | 38% | 32% | 1,427.50 | 934.7 | 48% | 53% |
Foreign | 1048.4 | 2,046.80 | 62% | -49% | 1,570.60 | 2,593.80 | 52% | -39% |
Total | 1,691.20 | 2,533.30 | 100% | -33% | 2,998.10 | 3,528.50 | 100% | -15% |
Source: Colliers