रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुख्य कारोबार एक बार फिर दिसंबर 2024 की तिमाही में तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज की आय को नीचे खींच सकता है। विश्लेषकों का ऐसा मानना है। मुकेश अंबानी प्रवर्तित कंपनी की आय को लेकर अनुमान यह है कि एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले एबिटा के स्तर पर या तो यह स्थिर रहेगा या फिर मामूली गिरावट आएगी।
ब्लूमबर्ग की रायशुमारी में सात विश्लेषकों ने अनुमान जताया है कि कंपनी का संयुक्त राजस्व 2.37 लाख करोड़ रुपये रहेगा। छह विश्लेषकों को उम्मीद है कि शुद्ध समायोजित आय वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 18,940 करोड़ रुपये रहेगी। आरआईएल तीन मुख्य कारोबारों का परिचालन करती है – ओ2सी (जिसमें रिफाइनिंग, ईंधन रिटेलिंग और पेट्रोकेमिकल शामिल है) और दो उपभोक्ता कारोबार खुदरा व दूरसंचार।
नुवामा के विश्लेषकों ने 7 जनवरी की रिपोर्ट में कहा है कि जियो (दूरसंचार) और खुदरा से आय के कारण आरआईएल के संयुक्त एबिटा में तिमाही आधार पर सुधार हो सकता है। हालांकि सालाना आधार पर एबिटा 1.5 फीसदी घटने का अनुमान है, जिसकी वजह ओ2सी का कमजोर प्रदर्शन है। नुवामा को कमजोर रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल में नरमी के चलते ओ2सी कारोबार के एबिटा में 10 फीसदी गिरावट की आशंका है।
2 जनवरी को येस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में कहा था कि आरआईएल के खुदरा कारोबार का एबिटा वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का अनुमान है जिसे लगातार विस्तार और उपभोक्ताओं की मजबूत मांग का फायदा मिलेगा। लिहाजा यह कुल लाभ में योगदान करेगा।
मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों का भी ऐसा ही मानना है। उनका कहना है कि हमें रिलायंस की आय व एबिटा में तिमाही आधार पर 4 फीसदी की बढ़ोतरी, लेकिन सालाना आधार पर यह सपाट रहने का अनुमान है क्योंकि दूरसंचार टैरिफ में बढ़ोतरी और वैश्विक ईंधन बाजार में सख्ती का लाभ पर असर होगा। रिपोर्ट के अनुसार आरआईएल अपने रिटेल फ्लोर स्पेस को तर्कसंगत बना रही है और खुदरा क्षेत्र का एबिटा सालाना आधार पर सपाट रह सकता है।
जुलाई-सितंबर की अवधि में आरआईएल का संयुक्त लाभ सालाना आधार पर 4.8 फीसदी घटकर 16,563 करोड़ रुपये रहा था। येस सिक्योरिटीज के मुताबिक आरआईएल का कर पश्चात लाभ एक साल पहले की इशी अवधि के मुकाबले 3 फीसदी तक मामूली बढ़ सकता है। लेकिन नुवामा और मॉर्गन स्टैनली को इस दौरान कर बाद लाभ सालाना आधार पर 4.9 फीसदी घटने की आशंका है।
गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 की अंतिम तिमाही में संयुक्त एबिटा पर दबाव बना रहेगा। 9 जनवरी की रिपोर्ट में गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में कमजोरी और खुदरा वृद्धि में ज्यादा सुस्ती की भरपाई दूरसंचार क्षेत्र की मजबूत आय से हो जाएगी।
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