आईसीआईसीआई बैंक को कर्ज की अदायगी के तौर पर प्राप्त 2.1 अरब रुपये के तरजीही भुगतान के लिए अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) द्वारा दायर मामले के खिलाफ कानूनी लड़ाई हारने की आशंका दिख रही है।
अमेरिका के प्रमुख नियामक सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन को इस बारे में जानकारी देते हुए आईसीआईसीआई बैंक ने कहा, ‘एक्सटर्नल काउंसिल द्वारा प्राप्त परामर्श पत्र के अनुसार, इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक के खिलाफ दावे (2.1 अरब रुपये) की संभावना को ‘संभव’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।’
कानूनी तौर पर स्वीकार्य परिभाषा के अनुसार, संभव के तौर पर श्रेणीबद्घ मामले का मतलब है आगामी घटनाक्रम की संभावना या कुछ उम्मीद होना है। यह कंपनी द्वारा जोखिम को श्रेणीबद्घ करने के लिए अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली कानूनी शब्दावली है। अन्य दो वर्गीकरण में प्रोबेबल (यदि किसी घटनाक्रम के होने की ज्यादा संभावना है) और रिमोट (यदि संभावना मामूली या कम है) शामिल हैं। आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता को शनिवार की शाम इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है। संपर्क किए जाने पर आरपी ने गोपनीयता की शर्त का हवाला देकर इस मामले का विवरण देने से इनकार कर दिया।
वर्ष 2019 में एनसीएलटी ने डेलॉयट के अनीष निरंजन नानावटी को आईबीसी के तहत दूरसंचार कंपनी के लिए दिवालिया समाधान प्रक्रिया में रिलायंस कम्युनिकेशन के लिए आरपी के तौर पर नियुक्त किया था।
आईसीआईसीआई बैंक के एसईसी आवेदन के अनुसार, नानावटी ने मुंबई में पंचाट में बैंक के खिलाफ जनवरी में आरंभिक आवेदन दायर किया जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा आईसीआईसीआई बैंक को 2.1 अरब रुपये के कथित तरजीही भुगतान का आरोप लगाया गया और इस रकम को लौटाए जाने की मांग की थी।