अनिल धीरुभाई की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (आर-कॉम) सऊदी अरब की कंपनी एमिरेट्स टेलीकम्युनिकेशन के साथ गठजोड़ करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस समझौते से सालाना 1500 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह तक यह करार हो जाएगा। पिछले साल ऐमिरेट्स टेलीकम्युनिकेशन ने भारत की दूरसंचार कंपनी स्वान टेलीकॉम में अपनी 45 फीसदी हिस्सेदारी 4140 करोड़ रुपये में खरीदी थी।
इस करार से आरकॉम की मजबूती का पता चलता है, जिसने 2 अरब डॉलर में 13 सर्किलों में जीएसएम सेवा का लाइसेंस प्राप्त किया है। कंपनी अपनी पहली टेलीकॉमोपोरेशन वर्ष 2009 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में लाने की योजना बना रही है।
हालांकि आरकॉम के आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है, ‘ हमलोग देश में बेहतरीन बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए अन्य ऑपरेटरों से बातचीत कर रहे हैं।’ पिछले साल स्वान टेलीकॉम ने भारत संचार निगम लिमिटेड से रोमिंग के लिए समझौता किया था।
हालांकि इस समझौते की काफी आलोचना भी हुई थी, जिसमें यह कहा गया था कि बीएसएनएल ने उस कंपनी से हाथ मिलाया है, जिसने अभी तक अपना ऑपरेशन शुरू भी नहीं किया है।
अप्रैल 2008 में सरकार ने सक्रिय और निष्क्रिय सभी तरह के टेलीकॉम स्पेस के लिए टावर साझीदारी की अनुमति दे दी थी।
पहले छोटी कंपनियां टावर लगाने की हैसियत नहीं होने की वजह से अपनी सेवा शुरू नहीं कर पाती थी।