रिलायंस कैपिटल के एक ऋणदाता की याचिका पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने मंगलवार को टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। याचिका में कर्ज में डूबी दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत कंपनी के लिए दूसरे दौर की वित्तीय बोलियों की अनुमति देने की अपील की गई है।
NCLAT के चेयरपर्सन अशोक भूषण की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने नोटिस जारी कर प्रतिवादियों को तीन दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने याचिका को नौ फरवरी, 2023 के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। न्यायाधिकरण ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई कर निर्णय सुनाएगा।
रिलायंस कैपिटल की ऋणदाताओं की समिति (COC) में एक विस्त्रा आईटीसीएल (इंडिया) लिमिटेड ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के एक आदेश के खिलाफ NCLAT) में अपील की है। गत दो फरवरी को NCLAT की मुंबई पीठ ने अनिल अंबानी प्रवर्तित रिलायंस कैपिटल (RCap) के अधिग्रहण के लिए नए दौर की नीलामी की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा था कि वित्तीय बोलियों के लिए ‘चुनौती तंत्र’ पहले ही समाप्त हो चुका है।
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पीठ ने टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स की बैंकरों के दूसरे दौर की नीलामी के फैसले को चुनौती देने की अपील को स्वीकार कर लिया था। ‘चुनौती तंत्र’ के आखिरी दौर में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने सबसे ऊंची 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। रिलायंस कैपिटल पर कुल मिलाकर 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।