रेमंड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया ने कहा है कि मकर संक्रांति के बाद से शहरी उपभोग में सुधार की प्रवृत्ति दिख रही है और हमें उम्मीद है कि पूरे साल इसमें और सुधार होगा। शार्लीन डिसूजा और देव चटर्जी के साथ बातचीत में सिंघानिया ने कहा कि समूह अब कम परिसंपत्तियां रखने पर काम कर रहा है। प्रमुख अंश …
शहर और गांवों के आपके खुदरा दुकानों की खपत कैसी है?
शुरू में खुदरा कारोबार थोड़ा सुस्त था, लेकिन पिछले 7-8 दिनों में इसमें तेजी आई है। मकर संक्राति के बाद से इसमें सकारात्मकता दिख रही है। मई तक शादियों का सीजन रहने के कारण हमें कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही है। कुल मिलाकर भारत सही रास्ते पर है और मैं भारत-अमेरिका के संबंधों के मजबूत होने के प्रति आश्वस्त हूं, जो कारोबार के लिए भी आशाजनक अवसर प्रस्तुत करता है। हालांकि कभी-कभार थोड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं, लेकिन आगे का रास्ता अच्छा दिख रहा है।
क्या आप रेमंड लाइफस्टाइल के लिए अपनी विस्तार योजनाएं आगे बढ़ा रहे हैं?
मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए वृद्धि में सुस्ती आ सकती है। हमारी विस्तार योजनाएं शायद छह महीने तक टल सकती है मगर हमारा नजरिया स्पष्ट है। हमने 900 स्टोर का लक्ष्य तय किया है और यह कहां रहेगा यह भी तय हो गया है। सिर्फ समय की बात है। भले ही बीते कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था सुस्त हुई है मगर इसमें सुधार की भी गुंजाइश है।
क्या आपकी अन्य कारोबार में भी विस्तार की योजना है, यह देखते हुए कि कमजोर मांग के कारण कॉरपोरेट भारत तेजी से विस्तार नहीं कर पा रहा है?
सरकारी खर्च धीमा हुआ है और इसमें सुधार होना चाहिए। धारणा भी सुस्त पड़ी है मगर ऐसा नहीं है कि स्थिति ऐसी ही रहेगी। दूसरी तरफ, सीमेंट कंपनियों को विश्वास है कि मंदी अस्थायी है, इसलिए वे अपनी क्षमता दोगुनी कर रही हैं। कुल मिलाकर यह कुछ समय की ही बात है।
हम पूंजीगत व्यय में निवेश नहीं कर रहे हैं क्योंकि हम कम परिसंपत्तियां रखने पर काम कर रहे हैं। मगर अगर आप अदाणी जैसी कंपनियों को देखेंगे तो वे तेजी से विस्तार कर रही हैं। विमानन कंपनियां अपने बेड़े का आकार बढ़ा रही हैं और रियल एस्टेट क्षेत्र भी रोजगार बढ़ाकर, सीमेंट की खपत से और इस्पात की मांग के साथ प्रभावी भूमिका निभा रहा है। भले ही सभी क्षेत्रों में वृद्धि एक समान नहीं हो, लेकिन ऐसा हो रहा है।
उम्मीद जताई जा रही है कि बांग्लादेश में राजनीतिक संकट से भारत को सबसे ज्यादा फायदा होगा। क्या आपने अपनी जैसी भारतीय कंपनियों में ग्राहकों के आने से मांग में कोई वृद्धि देखी है?
हमें निश्चित रूप से इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। कुछ चीजें तेजी से हो सकती है, कुछ में समय लगता है। लेकिन मेरे उद्योग में ऐसा नहीं है। हम परिधान में है मगर वे बुनाई में है और हम संरचनात्मक परिधानों में ज्यादा हैं। मगर एक बात और है कि हमारे अधिकतर ग्राहक अब बाजार को समझने के लिए भारत में ज्यादा समय बिता रहे हैं।