गैरों से लुटने की शिकायत शायद कोई कर भी दे, लेकिन अगर अपने ही लूटने लगें, तो किससे फरियाद की जाए।?कुछ ऐसा ही हाल रामलिंग राजू के गृहनगर में भी लोगों का है।
आंध्र प्रदेश के पूर्र्व और पश्चिम गोदावरी जिले में इस समय मातम पसरा है और वजह हैं खुद राजू, जिन पर कभी यही जिला फख्र करता था। दरअसल यहां कई लोगों ने अपनी जमा पूंजी लगाकर और कर्ज तक लेकर सत्यम के शेयर खरीदे थे।
उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें उम्मीद थी कि इससे उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। पिछले कुछ दिनों में सत्यम के अधिग्रहण की खबरों के कारण शेयरों के दाम भी बढ़ रहे थे।
इसी वजह से उनमें निवेश भी बढ़ रहा था। लेकिन जैसे ही राजू ने बहीखातों में धोखाधड़ी का खुलासा किया, इस जिले के तमाम छोटे निवेशकों पर तो आसमान ही गिर गया।
एक स्टॉक ब्रोकर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘मायटास इन्फ्रा और मायटास प्रॉपर्टीज और सत्यम समेत कई कंपनियों ने निवेश किया है।
सत्यम में इलुरु, तादेपल्लीगुड़म, भीमवारम, तनुकु, नरासापुरम और जनगारेद्दीगुड़म कस्बों के काफी लोगों ने अच्छी कमाई करने के लिए स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों के जरिए सत्यम के शेयर खरीदे थे।’
स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों के आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी गोदावरी जिले में रोजाना करीब 100-120 करोड़ रुपये के शेयरों का कारोबार होता है। स्टॉक ब्रोकर ने बताया, ‘इसमें से करीब पांच फीसदी शेयर सत्यम के होंगे।
यानी रोजाना सत्यम के करीब 5 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीद और बिक्री की जाती है। सत्यम के शेयरों में बुधवार को लगभग 80 फीसदी की गिरावट आई है। जिन निवेशकों ने कंपनी के शेयर खरीदे थे उन्हें एक दिन में ही लगभग 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’
पूर्वी गोदावरी में आम और काजू का कारोबार करने वाले पी वीरभद्र राजू ने बताया, ‘हमने कभी भी नहीं सोचा था कि सत्यम के शेयर ऐसे धूल फाकेंगे। खासतौर पर इतने गलत कारणों से ऐसा होने की बात तो हमने सपने में भी नहीं सोची थी।’
उन्होंने कहा, ‘मैनें 2007 में 480 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से सत्यम के 1,500 शेयर खरीदे थे। मैनें सोचा था कि लंबी अवधि में इस निवेश से मुझे फायदा होगा।
लेकिन रामलिंग राजू के इस बयान के बाद से कंपनी के शेयरों की कीमत 40 रुपये हो गई। हम बर्बाद हो गए हैं। हमें नहीं पता कि आगे क्या होगा। नहीं पता कि कंपनी के शेयर रखे जाए या बेचे जाएं।’