Q2 Results analysis: चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय कंपनी जगत की आय वृद्धि कमजोर बनी रही जबकि मार्जिन और मुनाफे में गिरावट आई है। गैर-वित्तीय कंपनियों की आय वृद्धि और मुनाफा चुनौती भरा रहा। मगर बैंक, वित्तीय सेवा और बीमा कंपनियों (बीएफएसआई) का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
हमारे नमूने में शामिल बीएफएसआई से इतर 1,094 कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में गिरावट आई है। पिछली दोनों तिमाहियों में इनका शुद्ध मुनाफा गिरा है। मगर उनकी शुद्ध बिक्री या आय लगातार छठी तिमाही एक अंक में बढ़ी।
गैर-बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 11 फीसदी घटा है जो पिछली सात तिमाही में सबसे खराब प्रदर्शन है। इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 1.88 लाख करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 1.87 लाख करोड़ रुपये से कम है।
हमारे नमूने में शामिल गैर-बीएफएसआई कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में महज 4.1 फीसदी बढ़ी। पहली तिमाही में इन कंपनियों की आय 6 फीसदी बढ़ी थी। गैर-वित्तीय कंपनियों की कुल आय वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 22.64 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 21.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
आय वृद्धि धीमी रहने और मार्जिन में गिरावट के कारण गैर-वित्तीय कंपनियों की कमाई पर असर पड़ा है। इन कंपनियों का परिचालन मार्जिन चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 127 आधार अंक घटकर 17.1 फीसदी रहा जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 18.3 फीसदी था। शुद्ध बिक्री वृद्धि की तुलना में कच्चे माल की लागत बढ़ने और कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में इजाफे से कंपनियों के मार्जिन में कमी आई है।
गैर-बीएफएसआई कंपनियों की कच्चे माल की लागत वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 7.6 फीसदी बढ़ी है जबकि कर्मचारियों पर खर्च 7 फीसदी बढ़ा है। इससे ईंधन और ऊर्जा की कम लागत का फायदा नहीं मिल पाया।
हालांकि बीएफएसआई क्षेत्र की कंपनियों के अधिक योगदान के कारण कंपनियों के कुल आंकड़े अपेक्षाकृत बेहतर दिखते हैं। बीएफएसआई कंपनियों की आय और मुनाफा दो अंक में बढ़ा है। हमारे नमूने में शामिल सभी 1,353 सूचीबद्ध कंपनियों का मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 0.6 फीसदी कम रहा जो आठ तिमाही में सबसे खराब है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में इन कंपनियों का कुल मुनाफा सालाना आधार पर 47.4 फीसदी बढ़ा था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हमारे नमूने में शामिल 259 बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 18.6 फीसदी बढ़ा जबकि उनकी कुल आय 14.4 फीसदी बढ़ी।
तेल-गैस, वाहन, सीमेंट और एफएमसीजी कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन से गैर-बीएफएसआई क्षेत्र के मुनाफे पर असर पड़ा है। आईटी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियों का शुद्ध मुनाफा दो अंक में बढ़ा है।
उम्मीद से कम आय और मुनाफा वृद्धि के कारण ब्रोकिंग कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के आय अनुमान में कटौती की है। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 के लिए निफ्टी 50 की प्रति शेयर आय (ईपीएस) का अनुमान 1.2 फीसदी घटाकर 1,059 रुपये और वित्त वर्ष 2026 के लिए 1 फीसदी घटाकर 1,256 रुपये कर दिया गया है।’