रिफाइनिंग मार्जिन में कमजोरी की वजह से जून में समाप्त मुश्किलों वाली तिमाही के बाद सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और निजी क्षेत्र की रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को वित्त वर्ष 25 में आगे चलकर बेहतरी की उम्मीद है। उन्हें लगता है कि अमेरिका के ड्राइविंग सीजन और अन्य कारकों से रिफाइनिंग संभावनाओं में सुधार आएगा।
तेल से रसायन (O2C) कारोबार पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को आरआईएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) वी श्रीकांत ने विश्लेषकों से कहा, ‘जब आप निकट अवधि से मध्य अवधि में देखते हैं तो ड्राइविंग सीजन की मांग जैसे कारक आम तौर पर पेट्रोल की मांग में वृद्धि का कारण बनते हैं।’
BPCL के वित्तीय अधिकारियों ने भी शनिवार को निवेशकों के साथ चर्चा में इसी तरह की उम्मीद जताई। कंपनी के अधिकारियों ने विश्लेषकों को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में अमेरिका के ड्राइविंग सीजन के कारण उत्पाद क्रैक बढ़ेंगे जिससे स्टॉक का स्तर कम होगा और सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) बेहतर होगा। एक बैरल कच्चे तेल और उससे रिफाइंड किए गए किसी उत्पाद की कीमत के बीच के अंतर क्रैक को कहते हैं।
अमेरिका के मेमोरियल डे को अमेरिका के ड्राइविंग सीजन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, जिसमें छुट्टियों की वजह से परिवहन में इस्तेमाल ईंधन की मांग में उछाल देखी जाती है। इस कारण ईंधन बाजार की वैश्विक धारणाओं पर असर पड़ता है।
ओ2सी श्रेणी में आरआईएल का एबिटा एक साल पहले की तुलना में 14 प्रतिशत घटकर 13,093 करोड़ रुपये रहा। प्रबंधन ने पेट्रोल क्रैक में नरमी को इसकी मुख्य वजह बताया। ओ2सी श्रेणी की कमजोरी ने आरआईएल के कुल शुद्ध लाभ को भी पिछले साल की तुलना में 5.5 प्रतिशत कम कर दिया। एबिटा ब्याज, कराधान, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई है।