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बढ़ते ब्याज खर्च से कंपनियों के मुनाफे पर चोट

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ब्याज पर कंपनियों का खर्च 36.2 फीसदी बढ़ा है।

Last Updated- July 27, 2023 | 11:28 PM IST
Profits of companies hurt due to rising interest expenses
BS

ब्याज पर बढ़ता खर्च कंपनियों की कमाई के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। पिछले महीने संपन्न तिमाही में कच्चे माल और ईंधन की लागत कम होने के बावजूद भारतीय उद्योग जगत का मुनाफा घट रहा है क्योंकि ब्याज पर होने वाला खर्च बहुत तेजी से बढ़ा है।

बैंक, वित्त और बीमा (बीएफएसआई) तथा आईटी कंपनियों को छोड़ दें तो अप्रैल-जून, 2023 तिमाही में 271 सूचीबद्ध कंपनियों का ब्याज पर कुल खर्च पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही के ब्याज खर्च से 36.2 फीसदी अधिक हो गया है। पिछले तीन साल में ब्याज पर खर्च में यह सबसे अधिक बढ़ोतरी है।

इसके उलट इस तिमाही में कंपनियों के लिए कच्चे माल तथा ईंधन की लागत तेजी से घटी है। इन तीन महीनों में कच्चे माल और ईंधन की लागत महज 2.3 फीसदी बढ़ी है, जबकि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में इसमें 56.1 फीसदी का इजाफा हुआ था। इसकी तुलना में इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री पहली तिमाही में 5.9 फीसदी ही बढ़ी है, जो वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 38.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.8 फीसदी बढ़ी थी।

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हमारे नमूने में शामिल 271 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में ब्याज पर कुल 21,183 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में उन्होंने 15,552 करोड़ रुपये और चौथी तिमाही में 20,489 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

पिछले एक साल में कंपनियों को जिंसों और ईंधन के दाम में गिरावट से होने वाला फायदा ब्याज खर्च बढ़ने से लगभग शून्य हो गया। नतीजा यह हुआ कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों का कर-पूर्व तथा करोपरांत मुनाफा घटा है मगर उनका परिचालन लाभ या एबिटा बढ़ा है।

हमारे नमूने में शामिल कंपनियों का परिचालन मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.3 फीसदी बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.22 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि उनका कुल कर पूर्व मुनाफा इस दौरान 6.4 फीसदी घटकर 71,555 करोड़ रुपये रहा, जबकि कर बाद कुल शुद्ध मुनाफा साल भर पहले से 2.6 फीसदी घटकर 48,472 करोड़ रुपये रहा।

वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के नतीजे जारी करने वाली सभी 385 कंपनियों (बीएफएसआई एवं आईटी सहित) की कुल ब्याज आय में पिछले साल अप्रैल-जून के मुकाबले 42.5 फीसदी और शुद्ध बिक्री (ऋणदाताओं के मामले में सकल ब्याज आय) में 12.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

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बैंक एवं वित्तीय कंपनियां अपने ब्याज खर्च में 43.5 फीसदी के इजाफे के साथ सूची में सबसे ऊपर रहीं। मगर उनकी सकल ब्याज आय में 32.7 फीसदी वृद्धि होने से बढ़े हुए खर्च की काफी हद तक भरपाई हो गई।

इसके विपरीत गैर-बीएफएसआई और विनिर्माण कंपनियों की आय एवं ब्याज खर्च की वृद्धि में भारी अंतर दिखा। बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों की अप्रैल-जून, 2023 की कुल शुद्ध बिक्री पिछली दस तिमाहियों में सबसे कम रही। इस मुख्य तौर पर मांग में नरमी और जिंस उत्पादकों को कम कीमत मिलने से झटका लगा। ऊंची ब्याज दरों और उधारी लागत बढ़ने से कंपनियों के ब्याज खर्च में लगातार इजाफा होता रहा।

First Published - July 27, 2023 | 11:28 PM IST

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