बीएस बातचीत
आईटीसी के कार्यकारी निदेशक बी सुमंत ने अभिषेक रक्षित और ईशिता आयान दत्त से खास बातचीत में कहा कि कंपनी हमेशा से स्थानीय उत्पादों पर जोर देती रही है। कंपनी भारत में डिजाइन किए गए, भारत से सोर्स किए गए और भारत में बने उत्पादों को बाजार में उतारने की हमेशा से पैरवी करती रही है। कंपनी अब मौजूदा समय की मांग के अनुरूप उत्पादों की एक शृंखला तैयार करने पर काम कर रही है। पेश हैं मुख्य अंश:
फैक्टरियों में क्षमता उपयोगिता का वर्तमान स्तर क्या है?
हम बाजार अपने उत्पादों के लिए बाजार की मांग को पूरा करने में समर्थ हैं। हमने जिस तरीके से अपनी फैक्टरियों को डिजाइन किया है- देश भर में मेक इन इंडिया इंटीग्रेटेड कंज्यूमर गूड्स मैन्युफैक्चरिंग ऐंड लॉजिस्टिक्स (आईसीएमएल) सुविधाओं से लैस- वह लंबी अवधि के लिए है। इसलिए हमारे सभी संयंत्रों में हमेशा पर्याप्त अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध रहती है।
परिचालन के मोर्चे पर किन चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है?
जब हमने मार्च में नए तरीके से परिचालन शुरू किया था तो चुनौतियां बहुत अधिक थीं। लेकिन अब हमने चुस्ती से काम करने का नया तरीका अपना लिया है जिसमें सामाजिक दूरी को बनाए रखने और स्वच्छता संबंधी सभी मानदंडों को पूरा किया जाता है। हमें अपने सभी परिचालन को नए सामान्य के हिसाब से समायोजित करने की जरूरत है।
फूड श्रेणी में बिक्री की सामान्य दिनों से तुलना किस प्रकार की जा सकती है?
हमने इस वैश्विक महामारी के दौरान धीरे-धीरे सुधार देखा। पहले चरण के लॉकडाउन के दौरान लोग स्टेपल्स और मसाले सहित आवश्यक उत्पादों का स्टॉक कर रहे थे। फिर, लोगों ने महसूस किया कि यह कुछ समय तक जारी रहेगा और इसलिए बिस्कुट एवं नूडल्स जैसे उत्पादों की बिक्री शुरू हो गई। उसके कुछ समय बाद उपभोक्ताओं ने स्नैक्स और चॉकलेट जैसे विवेकाधीन उत्पादों की खरीदारी शुरू कर दी। अब लोगों को लग रहा है कि मौजूदा परिस्थिति बरकरार रहेगी और इसलिए सामान्य खपत फिर से बहाल हो चुकी है।
लॉकडाउन के दौरान कितने उत्पाद लॉन्च किए गए?
हम स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती श्रेणी में कई नए उत्पाद लॉन्च कर रहे हैं। हमने सरफेस क्लीनिंग के लिए मांग देखी और सैवलॉन कीटानुनाशक स्प्रे को बाजार में उतारा। इसे रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया। उसके बाद हमने नीमवॉश को लॉन्च किया जो फल एवं सब्जियों की सफाई करने वाला उत्पाद है। हाल में हमने सैवलॉन वाइप्स को उतारा है जिसे समय एवं सुविधा के हिसाब से तैयार किया गया है। इसके अलावा हमने 50 पैसे वाले सैवलॉन सैचेट को उतारा है ताकि सैनिटाइर को आम लोगों तक पहुंचाया जा सके। साथ ही हमने एमवे के साथ मिलकर बी नैचुलर प्लस को लॉन्च किया है। इसके अलावा हम तमाम उत्पादों के लिए क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं।
क्या आप बदलते परिदृश्य के साथ अपनी ग्रामीण रणनीति में भी बदलाव कर रहे हैं?
आईटीसी की बहुआयामी उपस्थिति और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ जुड़ाव काफी व्यापक है। साथ ही यह एक ऐसा क्षेत्र है जो रणनीतिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। हालिया सुधार को देखते हुए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में काफी तेजी दिख सकती है। ऐसे में आईटीसी किसानों के साथ लगातार जुड़े रहने, कृषि लिंकेज सुनिश्चित करने, वितरण का दायरा बढ़ाने और अन्य तमाम पहल के साथ उभरती मांग को भुनाने में समर्थ है। हम ग्रामीण बाजारों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर इस वैश्विक महामारी से काफी पहले से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
आप आशीर्वाद ब्रांड के तहत मसाला कारोबार में पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में सनराइज से कितना मूल्यवद्र्धन होगा?
मसाले का कारोबार एक स्थानीय प्रकृति का कारोबार है क्योंकि हर इलाके, हर राज्य और हर प्रांत में लोगों के अपने स्वाद एवं पसंद होते हैं। पूर्वी क्षेत्र में सनराइज काफी लोकप्रिय है और इसके तहत उत्पादों की एक व्यापक शृंखला उतारी गई है।