वित्त मंत्रालय के दो अधिकारियों ने कहा कि कार्लाइल ग्रुप के नेतृत्व में निवेशकों के साथ धन जुटाने के समझौते में पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस (पीएनबीएचएफएल) के बोर्ड ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है और पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) यह सुनिश्चित करेगा कि उससे जुड़ी कंपनी के हितों की रक्षा हो।
उपरोक्त उल्लिखित दो अधिकारियों में से एक ने कहा कि धन जुटाने की योजना में पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस के प्रबंधन की ओर से कोई विवादास्पद या गलत काम नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मसले को देख रही है और प्रतिभूति अपीली न्यायाधिकरण (एसएटी) के आदेश का इंतजार कर रही है, जो 5 जुलाई को आना है।
सरकारी अधिकारियों की यह टिप्पणी पीएनबी बोर्ड की प्रस्तावित बैठक के एक दिन पहले आई है। इस बैठक में पीएनबी हाउसिंग की धन जुटाने की योजना का भविष्य तय होगा। पीएनबी के बोर्ड में सरकार की ओर से नामित एक व्यक्ति हैं।
अधिकारी ने कहा कि पीएनबी ने लेन-देन में मदद करने में भी प्रक्रिया का पालन किया क्योंकि बैंक अपने शेयरधारकों और नियामक के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने कहा, ‘बैंक और मार्गेज लेंडर ने सभी नियमों का पालन किया है, कोई भी (शेयरधारक और नियामक) इन तथ्यों की अवहेलना नहीं कर सकता है।’
पीएनबी हाउसिंग ने 32,00 और 800 करोड़ रुपये के शेयरों का तरजीही आवंटन कार्लाइल ग्रुप, आदित्य पुरी के परिवार के निवेश उपक्रम सैलिसबरी इन्वेस्टमेंट, जनरल अटलांटिक और अल्फा इन्वेस्टमेंट को 390 रुपये प्रति पीस के भाव करने की घोषमा की थी। प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म स्टेकहोल्डर्स इंपावरमेंट सर्विसेज (एसईएस) ने कहा था कि यह सौदा कंपनी के सार्वजनिक शेयरधारकों और पीएनबी के शेयरधारकों के हिसाब से ‘अनुचित’ है।
