दुबई की विमानन कंपनी ऐमिरेट्स द्वारा श्रीलंकन एयरलाइंस से अपनी 43 प्रतिशत भागीदारी समाप्त किए जाने के बाद लगभग 28 पायलटों पर भारतीय विमानन कंपनियों की नजर है।
इन पायलटों की अपना अनुबंध समाप्त होने के बाद भारतीय विमानन कंपनियों की तरफ रुख करने की संभावना है। ऐमिरेट्स के अनुसार दोनों विमानन कंपनियों के बीच 10 साल का अनुबंध इस वर्ष अप्रैल में समाप्त हो रहा है और उसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
भारत में विमानन कंपनियां अपना वैश्विक विस्तार करने के लिए श्रीलंकन एयरलाइंस के अनुभवी पायलटों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। खबर है कि जेट एयरवेज और किंगफिशर ने श्रीलंकन एयरलाइन के पायलटों की सेवाएं ली हैं।
एयरलाइन के एक अधिकारी के अनुसार दोनों देशों की सरकारों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है। एक प्रमुख निजी एयरलाइन के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि इन पायलटों ने भारत की विमानन कंपनियों से संपर्क किया है। श्रीलंकन एयरलाइंस के कम से कम 5-10 कैप्टन हमारी एयरलाइन के साथ भर्ती की संभावना तलाश रहे हैं। किंगफिशर एयरलाइंस के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, ”हम एयरबस के लिए कैप्टन तलाश रहे हैं जो लंबे रूट के लिए होंगे। हम इन एयरक्राफ्ट में से कम से कम 10 इस वर्ष प्राप्त कर लेंगे जिसके लिए लगभग 250 पायलटों की जरूरत है।”
हालांकि जेट एयरवेज यह स्वीकार करती है कि वह पूर्व में श्रीलंकन एयरलाइंस के पायलटों को किराए पर ले चुकी है। जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वोल्फगैंग प्रोक-शावर ने कहा, ”हमारे पास 6 पूर्व श्रीलंकाई पायलट थे जिन्होंने ए330 में अपनी सेवा मुहैया कराई थी। लेकिन वे हमारे साथ थोड़े समय के लिए ही जुड़े थे।”
यद्यपि पश्चिम एशिया में विमानन कंपनियां इस पायलट लूट पर नजर लगाए हुए हैं। गल्फ एयर के अनुसार, ”यदि पायलट बेरोजगार हैं और रोजगार तलाश रहे है तो यह विश्वव्यापी एयरलाइनों के लिए अच्छा है। हम अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं कि हम श्रीलंकन एयरलाइंस से पायलटों की भर्ती करने जा रहे हैं, लेकिन यदि वहां क्षमतावान पायलट हैं तो हम इनकी सेवा लेने से परहेज क्यों करेंगे?”
श्रीलंकन एयरलाइंस के प्रवक्ता ने कोलंबो से बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अधिकारी अभी इस संबंध में किसी तरह की टिप्पणी करने में सक्षम नहीं हैं।
