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अब संदिग्ध लेनदेन की जांच के घेरे में पतंजलि, 2 महीने में मांगा जवाब

रामदेव की कंपनी के इन लेनदेन को असामान्य और संदिग्ध माना गया। हालांकि, जांच शुरुआती चरण में होने के कारण खास आंकड़े का खुलासा नहीं किया गया है।

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वसुधा मुखर्जी   
Last Updated- May 30, 2025 | 10:13 PM IST

केंद्र सरकार ने कई वित्तीय लेनदेन के मामले में योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद से स्पष्टीकरण मांगा है। ब्लूमबर्ग की एक खबर के अनुसार केंद्रीय आर्थिक खुफिया एजेंसियों ने इन लेनदेन को संदिग्ध बताया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में कंपनी को नोटिस जारी किया है और वह संभावित तौर पर रकम की हेरफेर और कॉरपोरेट प्रशासन के उल्लंघन की जांच कर रहा है।

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रामदेव की कंपनी के इन लेनदेन को असामान्य और संदिग्ध माना गया। हालांकि, जांच शुरुआती चरण में होने के कारण खास आंकड़े का खुलासा नहीं किया गया है। मंत्रालय का जवाब देने के लिए पतंजलि को दो महीने का वक्त दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पतंजलि लगातार नियामकीय जांच का सामना कर रही है। हालिया जांच से पतंजलि आयुर्वेद और उसकी सहयोगियों की कानूनी और नियामकीय चुनौतियां और बढ़ गई हैं। पिछले साल कंपनी की एक इकाई को कर उल्लंघन और गलत रिफंड दावों पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

इसके अलावा पारंपरिक औषधियों की इस कंपनी को उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को बढ़ावा देने के लिए भी काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। कंपनी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज का भी दावा करती है। सर्वोच्च न्यायालय ने औषधि और चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघनों का हवाला देते हुए कंपनी पर विभिन्न बीमारियों के इलाज के रूप में अपने उत्पादों को बढ़ावा देने पर रोक लगा दी थी।

First Published : May 30, 2025 | 9:52 PM IST