साल की पहली छमाही के दौरान कंपनियों द्वारा को-वर्किंग जगह के लिए पट्टे में तेजी दर्ज की गई क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान कंपनियों ने कर्मचारियों के घरों के समीप कार्यस्थल की व्यवस्था की थी। प्रॉपर्टी सलाहकार कुशमैन ऐंड वेकफील्ड ने कहा कि साल 2021 की पहली छमाही के दौरान पट्टे पर 31,538 सीट ली गईं और सालाना आधार पर इसमें 73 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
पिछले पूरे साल के दौरान कंपनियों ने 36,255 सीट पट्टे पर लिए थे। इसके विपरीत 2021 की पहली छमाही के दौरान छह भारतीय शहरों में कार्यालय के लिए जगह के पट्टे में सालाना आधार पर 22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। प्रॉपर्टी सलाहकार कॉलियर्स ने यह खुलासा किया है। उसका कहना है कि 2021 की पहली छमाही के दौरान छह भारतीय शहरों में 1.01 करोड़ वर्ग फुट जगह कार्यस्थल पट्टे पर लिए गए। कुशमैन ने कहा कि साल 2021 के दौरान कंपनियों द्वारा पट्टे पर लिए गए कुल सीटों की संख्या 50,000 को पार कर सकती है।
कुशमैन ऐंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक (भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया) अंशुल जैन ने कहा, ‘वैश्विक महामारी के कारण कंपनियां अपने आकार के बावजूद लागत और कर्मचारियों की सुविधा के लिहाज से अपने दायरे पर नए सिरे से गौर करने के लिए मजबूर हुई हैं। मौजूदा बाजार परिदृश्य को देखते हुए छोटी और बड़ी कई कंपनियां सतर्क रुख अपना रही हैं। वे नए कार्यालय के लिए पट्टे पर हस्ताक्षर करने से पहले फिलहाल प्रतीक्षा करने की रणनीति अपना रही हैं।’
जैन ने कहा कि कंपनियां कार्यस्थल के लिए पट्टे पर हस्ताक्षर करने के बजाय स्मार्ट समाधान के तौर पर प्रबंधित जगह तलाश रही हैं। इससे उन्हें लागत में बचत होने के अलावा पट्टे में लचीलापन और काम करने के लिए हाइब्रिड/हब ऐंड स्पोक मॉडल की पेशकश करने में मदद मिलती है। यही कारण है कि पिछली दो से तीन तिमाहियों के दौरान को-वर्किंग क्षेत्र में मांग बढ़ी है जो 2021 की दूसरी तिमाही और 2022 में भी बरकरार रह सकती है।
शापूरजी पलोनजी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी राजेश अग्रवाल ने कहा कि कंपनियां स्थायी जगह के लिए पट्टे पर हस्ताक्षर करने से पहले अनिश्चितता के खत्म होने का इंतजार कर रही हैं। इसके अलावा वे अपने कर्मचारियों को उनके घर के समीप कार्यस्थल उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।