प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 41 दवाओं की खुदरा कीमतें तय कर दी हैं। जिनमें डायबिटीज की बिना पेटेंट की दवा एम्पाग्लिफ्लोजिन के 18 प्रकार भी शामिल हैं। इन्हें जर्मन दवा कंपनी बोरिंजर इंगेलहेम ने विकसित किया है।
यह कदम 11 मार्च को एम्पाग्लिफ्लोजिन के पेटेंट की समाप्ति के बाद उठाया गया है। इसके बाद दवा कंपनियों के लिए इसके जेनेरिक संस्करण का बाजार खुल गया है। इन वेरिएंट्स के आने से दवा की कीमतों में 80 से 85 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। एनपीपीए ने पिछले महीने एम्पाग्लिफ्लोज़िन के 36 अन्य प्रकार और संयोजनों की खुदरा कीमतें तय की थीं।
नई सूची में एम्पाग्लिफ्लोजिन के साथ लिनाग्लिप्टिन, ग्लिमेपाइराइड, सिटाग्लिप्टिन और मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड से जुड़े एंटी-डायबिटिक कॉम्बिनेशन शामिल हैं, जिन्हें ब्लू क्रॉस लैबोरेटरीज, टॉरंट फार्मा, कैडिला, ग्लेनमार्क और एल्केम लैबोरेटरीज जैसी दवा कंपनियां बनाती और बेचती हैं।
इसमें क्लिंडामाइसिन और निकोटिनामाइड जेल का कॉम्बिनेशन भी शामिल है, जिसका उपयोग मुंहासों के इलाज के लिए किया जाता है। साथ ही इसमें आयरन और फोलिक एसिड वाली मल्टीविटामिन टैबलेट तथा सायनोकोबालामिन सिरप शामिल हैं।
प्राधिकरण औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) के तहत फार्मास्यूटिकल उत्पादों की कीमतों को कायदे में रखता है। कीमतों में संशोधन को एनपीपीए की 133वीं बैठक के दौरान मंजूरी दी गई, जो 29 मई को आयोजित की गई थी।