रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की सितंबर 2016 में हुई 39वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) में उसके मुखिया मुकेश अंबानी ने महज 2,999 रुपये में 4जी वोल्टे फोन लाने का ऐलान कर दूरसंचार बाजार को हिला दिया था। उस समय बाजार में 4जी कनेक्शन वाले सामान्य स्मार्टफोन 4,000 रुपये के आसपास कीमत में मिल रहे थे। अंबानी ने करीब चार साल बाद एक बार फिर स्मार्टफोन बाजार में उथलपुथल मचाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कंपनी की एजीएम में आज बताया कि नई साझेदार गूगल के साथ मिलकर रिलायंस शुरुआती स्तर के 4जी और 5जी स्मार्टफोन बनाएगी, जिनकी कीमत बाजार में बिक रहे फोन से बहुत कम होगी। कंपनी के फोन ऐंड्रॉयड पर चलेंगे और उनमें प्लेस्टोर भी होगा।
कंपनी का दांव चल गया तो मोबाइल कंपनियों खासकर वोडा-आइडिया के सामने कड़ी चुनौती आ जाएगी क्योंकि उसके ज्यादातर ग्राहक अब भी 2जी और 3जी नेटवर्क ही इस्तेमाल कर रहे हैं। भारती एयरटेल और बीएसएनएल को भी मुश्किल होगी। बीएसएनएल के पास तो अभी 4जी सेवा ही नहीं है, फोन तो दूर की बात है।
रिलायंस ने जून, 2017 में डेटा के साथ 4जी फीचर फोन उतारकर मोबाइल फोन बाजार में दोबारा कदम रखा था। उसका निशाना वे 2जी ग्राहक थे, जो ज्यादा खर्च के डर से 3जी या 4जी सेवा लेने से कतरा रहे थे। रिलायंस का वह फोन ऐंड्रॉयड नहीं था और इस्तेमाल में बहुत सहज भी नहीं था। मगर वह इतना सस्ता था कि लोगों ने उसे हाथोहाथ लिया। कंपनी 1094 रुपये में फोन दे रही थी, जिसमें उसकी कीमत और ढेर सारा डेटा शामिल था। इस दांव से कंपनी ने वोडा-आइडिया और भारती के करीब 10 करोड़ 2जी ग्राहक छीन लिए। बाकी कंपनियां इस चुनौती का सामना नहीं कर पाईं। हालांकि बाद में फीचर फोन के ग्राहक बढऩे की रफ्तार घटती गई, जिसकी वजह से कंपनी को दूसरी कंपनियों से 2जी और 3जी ग्राहक छीनने के लिए तथा अपने 4जी फोन को अपग्रेड करने के लिए नई रणनीति की जरूरत थी। उसे कुछ ऐसा चाहिए था, जिससे अभी 3,000 रुपये से शुरू होने वाले 4जी स्मार्टफोन या तो 4जी फीचर फोन जितने सस्ते मिलें या कीमत ज्यादा हो तो उनमें फायदे भी ढेर सारे हों। अंबानी की नजर इसी पर है।
बड़ा सवाल यह है कि जियो दूसरी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी में कैसे सेंध लगाएगी? भारती और वोडाफोन-आइडिया के ग्राहक 4जी नेटवर्क बहुत धीमे अपना रहे हैं और पुराना नेटवर्क होने के कारण दोनों के 33.3 करोड़ से ज्यादा ग्राहक 2जी और 3जी सेवा वाले हैं। उनके कुल उपभोक्ताओं में 58 फीसदी से ज्यादा ऐसे ही हैं। डेटा के साथ 4जी स्मार्टफोन लाने पर पहला निशाना ये ग्राहक ही होगे। हां, दोनों कंपनियां अगले 6 से 10 महीनों में इन ग्राहकों को 4जी नेटवर्क पर लाने में कामयाब हो गईं या जियो के जवाब में कोई पेशकश उतार दी तो अलग बात है। बीएसएनएल और एमटीएनएल के 15 करोड़ से ज्यादा ग्राहक भी कट सकते हैं क्योंकि दोनों कंपनियां अभी 4जी सेवाएं शुरू ही नहीं कर पाई हैं। सबसे ज्यादा चोट वोडा-आइडिया पर ही पड़ेगी क्योंकि उसके 64 फीसदी से भी ज्यादा ग्राहक 2जी और 3जी नेटवर्क पर हैं।
मगर सवाल यह भी है कि रिलायंस और गूगल एंट्री लेवल के 4जी स्मार्टफोन कम कीमत पर ला पाएंगे? मोबाइल फोन कंपनियां कहती हैं कि हैंडसेट बाजार में पैठ बनाने के गूगल के मंसूबे अब तक पूरे नहीं हो पाए और यही वजह है कि दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाले सात हैंडसेट में उसका पिक्सेल कहीं नहीं है। रिलायंस के लाइफ ब्रांड वाले 4जी वोल्टे फोन की पैठ इसीलिए बढ़ गई क्योंकि ऐसा करने वाली रिलायंस इकलौती कंपनी थी। जब दूसरी कंपनियों ने भी सस्ते स्मार्टफोन बनाने शुरू कर दिए तो वह बाजार से निकल गई। इस बार भी उसकी रणनीति वही हो सकती है।