किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के कर्मचारी को अगर किसी सुबह अपने सीईओ के दस्तखत वाला ग्रीटिंग कार्ड मिले, तो काम करने का उसका उत्साह दूना होना लाजिमी है।
तमाम झंझटों की वजह से पेपर कार्ड भेजना आसान नहीं होता, इसलिए कॉर्पोरेट जगत में ई कार्ड जोरों पर हैं। लेकिन एक नए पोर्टल पैपम.इन ने पेपर कार्ड भेजना आसान कर दिया है। ई कार्ड से अगली पीढ़ी के इस पोर्टल से कार्ड छांटने से लेकर भेजने तक के काम इंटरनेट पर कितनी भी बड़ी तादाद में हो जाते हैं, इसीलिए कॉर्पोरेट हलके में भी इसे खासा पसंद किया जा रहा है।
नामी नेटवर्किंग कंपनी सिस्को, एचएलएस एशिया, रिसर्जैंट, साइबरमीडिया, सॉफ्टवेयर कंपनी राइटवेब और भारतीय स्टेट बैंक की दिल्ली शाखा पहले ही इस पोर्टल के साथ करार कर चुकी हैं। इसके तहत इन कंपनियों के कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए कार्ड और संदेश भेजने का जिम्मा पैपम का है।
पैपम.इन के निदेशक कमांडर वीरेंद्र के. जेतली ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दुनिया भर में कर्मचारियों और ग्राहकों को बांधे रखने में लगातार संपर्क का खास महत्व रहा है। उन्होंने गूगल के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि किसी भी कंपनी से 67 प्रतिशत ग्राहक इसीलिए दूर हो जाते हैं क्योंकि एक बार उत्पाद बेचने के बाद कंपनी उनकी सुध नहीं लेती है। इसके उलट बधाई का महज एक कार्ड भेजने भर से ग्राहक के जुड़े रहने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट जगत की इसी जरूरत को ध्यान में रखकर पैपम.इन की शुरुआत की गई।
एचसीएल और टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज में काम कर चुके उद्यमियों मनीष पाठक, पारस अरोडा और पंकज बंसल के इस पोर्टल की खासियत है कि इसमें सब कुछ ई कार्ड की ही तरह होता है। यानी वेबसाइट पर जाकर मनचाहा कार्ड चुनिए और उसमें बधाई संदेश भी अपनी ही पसंद का लिखिए और उसे भेज दीजिए। पाठक कहते हैं, ‘दरअसल हमारी खासियत कागज का कार्ड है।
वेबसाइट पर काड्र्स की बड़ी शृंखला है, जिसमें मनपसंद कार्ड चुनकर अपनी पसंद का संदेश लिखने की जो आजादी हम देते हैं, वह आर्चीज या दूसरी कंपनियों के कार्ड में नहीं मिलती क्योंकि उसमें संदेश पहले ही छपा होता है। इसके बाद इंटरनेट पर ही कार्ड का ऑर्डर देने पर 2 से 4 दिन के अंदर यह किसी के भी पते पर पहुंच जाता है। कंपनियों के लिए यह बेहद कारगर हथियार है।’
पैपम ने कूरियर कंपनी डीटीडीसी के साथ करार भी किया है, जिसके जरिये भारत में कहीं भी कार्ड पहुंच सकता है। बड़ी बात कार्ड की कीमत है, जो 39 से 69 रुपये है। इसमें कूरियर का खर्च भी शामिल है। जेतली का दावा है कि कई नामी कॉर्पोरेट खिलाड़ियों से पैपम के करार होने हैं, जिनमें ज्यादातर विदेशी बाजार के लिए होंगे।