फिनलैंड की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता नोकिया ने आज कहा कि फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) या होम ब्रॉडबैंड से भारत में 5जी डेटा ट्रैफिक में भारी उछाल आ रही है और यह साल 2024 में तीन गुना हो गई जबकि 4जी की वृद्धि में गिरावट आई है। अपनी वार्षिक इंडिया मोबाइल ब्रॉडबैंड सूचकांक रिपोर्ट में नोकिया ने कहा कि 5जी एफडब्ल्यूए उपयोगकर्ताओं की डेटा खपत मोबाइल डेटा के उपयोगकर्ताओं के मुकाबले 12 गुना है।
कुल 5जी डेटा में 5जी एफडब्ल्यूए की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है। इन निष्कर्ष से एकमात्र प्रमुख श्रेणी के रूप में एफडब्ल्यूए की स्थिति और ज्यादा पुख्ता होती है, जहां 5जी को दूरसंचार कंपनियों जल्दी से भुना सकती हैं। विश्लेषकों ने कहा है कि जियो एयरफाइबर और एयरटेल एक्सस्ट्रीम एयरफाइबर मिलकर होम ब्रॉडबैंड बाजार की हिस्सेदारी का 60 प्रतिशत हिस्सा नियंत्रित करती हैं।
एफडब्ल्यूए फाइबर या केबल जैसे पारंपरिक तार वाले बुनियादी ढांचे के बजाय वायरलेस सिग्नल का इस्तेमाल करते हुए हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करता है। फिक्स्ड आउटडोर एंटीना या किसी इनडोर राउटर की तरह ग्राहक के परिसर का उपकरण पास के मोबाइल टावरों से सिग्नल लेता है और सिग्नल को वाई-फाई या ईथरनेट में बदल देता है।
औसत रूप में 5जी उपयोगकर्ता प्रति माह 40 जीबी तक डेटा का उपभोग करते हैं। परिणामस्वरूप साल 2024 के अंत तक समूचे नेटवर्क ट्रैफिक में 5जी डेटा ट्रैफिक की हिस्सेदारी 35.5 प्रतिशत रही जबकि महानगरों में समूचे डेटा ट्रैफिक में इसकी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत रही। इस कारणन नोकिया का मानना है कि 5जी साल 2026 की पहली तिमाही तक 4जी से आगे निकल जाएगा।
तेजी से बढ़ता इस्तेमाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में साल 2024 में 29 करोड़ 5जी उपयोगकर्ता थे। यह संख्या साल 2023 के आखिर के 13.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है। यह आंकड़ा साल 2028 तक बढ़कर 77 करोड़ होने वाला है जिसमें सालाना 12 करोड़ उपयोगकर्ता शामिल होंगे। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि साल 2024 में सक्रिय 5जी उपकरण दोगुने होकर 27.1 करोड़ तक पहुंच गए।