शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा है कि सरकार को छोटी कंपनियों के प्रभुत्व वाले चमड़े के जूते और हस्तशिल्प उत्पाद जैसे क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का लाभ नहीं देना चाहिए। GTRI का मानना है कि ऐसा होने पर कारोबार इन उद्यमों के हाथ से निकल सकता है।
GTRI की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटी कंपनियों को प्रौद्योगिकी तक पहुंच या कम लागत के वित्त की जरूरत है, PLI की नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण या ऑटो जैसे क्षेत्रों में कई घरेलू विनिर्माता हैं। ऐसे में कुछ कंपनियों को पैसे देकर हम प्रतिस्पर्धा को अवरुद्ध करेंगे।
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GTRI के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि बढ़ी हुई बिक्री पर चार से छह फीसदी की दर से PLI का पैसा उपलब्ध कराने से मुनाफा मार्जिन 30 से 40 फीसदी बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों को PLI योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्हें अपनी कोई गलती नहीं होने पर भी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में इस तरह के क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने से बचा जाना चाहिए।