भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को मुंबई और दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में सीडीएमए सेवाएं संचालित करने की अनुमति मिल गई है।
यह अनुमति क्रास ओवर टेक्नोलाजी नीति से मिली है। इस नीति में वर्तमान सेवा प्रदाता जो जीएसएम सेवाओं का संचालन कर रहे हैं उन्हें शुल्क दिए जाने के बाद सीडीएमए और सीडीएमए सेवा प्रदाताओं को जीएसएम सेवाएं संचालित करने की अनुमति है।
बीएसएनएल, रिलायंस और टाटा टेलीसर्विसेज के बाद तीसरी ऐसी कंपनी बन गई है जो सीडीएमए और जीएसएम सेवाएं संचालित करने की अनुमति मिल गई है। बहरहाल बीएसएनएल बहुत बड़ा जीएसएम सेवा प्रदाता है, जो सीडीएमए मोबाइल सेवा में कदम रखने की तैयारी कर रहा है। बहरहाल अक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड ने भी इस नीति के तहत स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन किया है। उसे अभी अनुमति नहीं मिली है।
एमटीएनएल से जुडे सूत्रों के मुताबिक आवेदन पर विचार किया गया है और इसके बारे में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा। इस समय बीएसएनएल जीएसएम सेवाएं पूरे देश में चलाता है। उसकी सीडीएमए सेवा एक जिले के भीतर तक ही सीमित है।
बीएसएनएल के पास जीएसएम सेवाओं के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं ही, साथ ही उसे पूरे देश में सीडीएमए सेवाएं शुरू करने की अनुमति भी मिल गई है। विशेषज्ञों की राय में बीएसएनएल को बेसिक सर्विस लाइसेंस के तहत सीएडीएमए आपरेशन की अनुमति मिली है। इसमें उसकी सेवाएं एक जिले या शहर तक सीमित रहेंगी।
क्रास ओवर टेक्नोलाजी नीति जीएसएम सेवा प्रदाताओं के तीब्र विरोध के बाद आई है। उन्होंने इस मसले पर न्यायालय में चुनौती भी दी थी। बहरहाल सरकार ने पहले ही रिलायंस कम्युनिकेशंस को पूरे देश में जीएसएम सेवाएं संचालित करने के लिए स्पेक्ट्रम दिया है। टाटा टेलीसर्विसेज भी स्पेक्ट्रम पाने के लिए कतार में खड़ा है।