आपकी जेब में मौजूद स्मार्टफोन से लेकर नासा के इंजेन्युटी मार्स हेलीकॉप्टर तक आप जो भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देखते हैं, उनमें से लगभग हरेक उपकरण में मुराता मैन्युफैक्चरिंग का कोई पुर्जा जरूर रहता है। मल्टीलेयर सिरैमिक कैपेसिटर के क्षेत्र में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली इस वैश्विक दिग्गज ने शुक्रवार को अपनी चेन्नई इकाई में विनिर्माण चालू करते हुए भारत में अपने सफर की शुरुआत की।
हालांकि शुरुआती चरण में आईफोन के पुर्जे बनाने वाली यह कंपनी मल्टीलेयर सिरैमिक कैपेसिटर की पैकेजिंग और शिपिंग पर विचार करेगी। लेकिन सूत्रों ने बताया कि भारत में विनिर्माण की उसकी और भी बड़ी योजना है। इसमें आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों, मॉड्यूल और उपकरणों का डिजाइन, विनिर्माण और बिक्री शामिल हो सकती है। भारत में मुराता का विस्तार उत्पादन में विविधता लाने और स्मार्टफोन, वाहन और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक जैसे क्षेत्रों की बढ़ती मांग को पूरा करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
इस जापानी कंपनी के पुर्जों का इस्तेमाल ऐपल, सैमसंग और सोनी जैसे वैश्विक ब्रांडों में व्यापक रूप से किया जाता है। यहां तक कि उसने नासा के मार्स हेलीकॉप्टर जैसी परियोजनाओं में भी योगदान दिया है। तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने कहा, ‘यह भारत में मुराता की पहली इकाई है और उन्होंने चेन्नई को चुना है। यह निर्णय हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती को दर्शाता है। इस इकाई से जाहिर होता है कि हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र किस तरह असेंबली से लेकर अधिक मूल्य वाले पुर्जों के विनिर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।’ मुराता का यह पहला भारतीय विनिर्माण संयंत्र तमिलनाडु के वनहब चेन्नई औद्योगिक पार्क में है। इसमें उसकी 3,500 वर्ग मीटर की इकाई है।