शुरुआती चरण के निवेश प्लेटफॉर्म मुंबई एंजल्स नेटवर्क के लिए 2020 एक बेहतरीन वर्ष रहा है। इस दौरान एंजल निवेशक ने करीब 36 निकास सौदे दर्ज किए जिनमें परपल, यूनिकॉइन, एग्जोटेल और मैकाफीन जैसे स्टार्टअप शामिल हैं। इनमें से परपल और एग्जोटेल के निकास सौदों में क्रमश: 51 गुना और 18.9 गुना रिटर्न हासिल हुए।
मुंबई एंजल्स इस साल भी इतनी ही संख्या में निकास सौदे दर्ज करने के लिए तैयार है।
मुंबई एंजल्स नेटवर्क की सह-प्रवर्तक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नंदिनी मानसिंहका ने कहा, ‘हमारे पोर्टफोलियो की 20 से 25 फीसदी कंपनियां किसी भी समय अगले दौर की बातचीत में पहुंच सकती हैं। फिलहाल हमारे पोर्टफोलियो की 17 से 20 कंपनियां चालू तिमाही के दौरान अपना निवेश समेटने के लिए बातचीत कर रही हैं।’
मानसिंहका ने कहा, ‘हमारा प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जो निवेशक आ रहे हैं उन्हें 4 से 5 वर्षों के अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न मिले।’
परपल ने हाल में सिकोया कैपिटल इंडिया और अपने मौजूदा निवेशकों वर्लीइन्वेस्ट, ब्लूम वेंचर्स और जेएसडब्ल्यू वेंचर्स से 4.5 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। करीब सात महीने पहले क्रिप्टो करेंसी विनिमय क्षेत्र में कारोबार करने वाली भारत की सबसे शुरुआती कंपनी यूनोकॉइन ने टिम ड्रैपर्स के ड्रैपर्स एसोसिएट से एक गुप्त रकम जुटाई थी।
साशा मिरचंदानी और प्रशांत चोकसी द्वारा 2006 में स्थापित मुंबई एंजल्स नेटवर्क के पास फिलहाल करीब 100 स्टार्टअप का सक्रिय पोर्टफोलियो है। वैश्विक महामारी के बावजूद निवेश और नेटवर्क में वृद्धि के लिहाज से 2020 एक बेहतरीन वर्ष रहा। मानसिंहका ने कहा कि इससे पता चलता है कि कोविड-19 के कारण निवेशक धारणा प्रभावित नहीं हुई है।
मानसिंहका ने कहा, ‘लगभग सभी कारोबारी परिवार अपने फंड से एक निश्चित रकम का निवेश स्टार्टअप में करना चाहते हैं जिससे यह मुख्यधारा का निवेश विकल्प बन गया है। सालाना आधार पर इस संख्या में दो अंकों की वृद्धि होगी। एक उल्लेखनीय पोर्टफोलियो रखने वाला हर कोई 4 से 5 फीसदी फंड का निवेश स्टार्टअप में करना चाहता है।’
पिछले साल इस प्लेटफॉर्म ने 36 निकास सौदों को पूरा किया जिनमें से प्रत्येक सौदे का मूल्य 50 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये के बीच था। इसके अलावा कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर 300 नए एंजल निवेशकों को जोड़ा जिससे उसका 550 एंजल निवेशकों का दमदार नेटवर्क तैयार हो चुका है। इससे पता चलता है कि स्टार्टअप एक परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर उभर रहा है। इस प्लेटफॉर्म की नजर इस साल 50 से 60 नए निवेश पर है।
मानसिंहका ने कहा, ‘हम केवल यूनिकॉर्न के पीछे नहीं भागते हैं। हमारी नजर उन कंपनियों पर है जो दमदार रिटर्न देती हो और तेजी से वृद्धि कर रही हो।’
कोलेटरल का दुरुपयोग रोकेगा सेबी
बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को क्लाइंट के कोलेटरल व उसकी निगरानी की खातिर नए ढांचे का प्रस्ताव रखा। यह नियम हर क्लाइंटों के कोलेटरल की पहचान और उसका इस्तेमाल सिर्फ मार्जिन के लिए सुनिश्चित करने के इरादे से बनाया जा रहा है। सेबी ने सार्वजनिक टिप्पणी के लिए जारी चर्चा पत्र में कहा है, विगत में क्लाइंटों के कोलेटरल के दुरुपयोग के मामले देखने को मिले हैं। ऐसे परिदृश्य में बाजार को लेकर न सिर्फ निवेशकों के भरोसे पर चोट पहुंचती है बल्कि यह ट्रेडिंग की पूरी व्यवस्था की साख पर भी बट्टा लगा देता है। नया ढांचा ब्रोकरों की तरफ से क्लाइंटों के फंड के दुरुपयोग आदि को रोकने और ब्रोकरों की तरफ से डिफॉल्ट की स्थिति से निपटने के लिए भी बनाया गया है। बीएस