सॉफ्टबैंक के निवेश वाली ई-कॉमर्स फर्म मीशो ने कहा है कि उसका घाटा वित्त वर्ष 22 के 3,251 करोड़ रुपये की तुलना में 48.42 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 23 में 1,675 करोड़ रुपये रह गया है।
फर्म ने कहा कि परिचालन प्रोत्साहन और लागत की कई मदों में कुशल प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने से उसके राजस्व में और इजाफा हुआ है। इसमें ग्राहक हासिल करने की लागत, सर्वर और बुनियादी ढांचे की लागत शामिल है।
वित्त वर्ष 22-23 में परिचालन राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 77 प्रतिशत तक बढ़कर 5,735 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने कहा कि साल 2022 और 2023 के दौरान देश में सबसे अधिक डाउनलोड की जाने वाले शॉपिंग ऐप के रूप में उसकी निरंतर अग्रणी स्थिति की वजह से यह इजाफा हासिल हुआ है। इसके मौजूदा ग्राहकों की लेनदेन संख्या में वृद्धि हुई है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 23-24 की पहली छमाही के प्रदर्शन का भी खुलासा किया। इस अवधि में परिचालन से समेकित राजस्व पिछले साल की तुलना में 37 प्रतिशत बढ़कर 3,521 करोड़ रुपये रहा। इस अवधि में घाटा (141 करोड़ रुपये) पिछले साल की तुलना में 90 प्रतिशत कम रहा, जबकि वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने लाभ दर्ज किया। फर्म ने कहा कि वित्त वर्ष 23-24 की पूरी अवधि में नकदी प्रवाह सकारात्मक रहा है।
Also read: Vodafone Idea के शेयर में 18% से ज्यादा का उछाल, इस वजह से आई तेजी
कंपनी ने कहा कि केवल इन छह महीने में ही परिचालन राजस्व पूरे वित्त वर्ष 21-22 के राजस्व से ज्यादा हो गया है। जहां कारोबार में लगातार वृद्धि देखी गई, वहीं मीशो जुलाई 2023 के बाद से भारत में लाभ दर्ज करने वाली पहली ई-कॉमर्स कंपनी भी बन गई और अब भी बनी हुई है।
कंपनी ने कहा कि कारोबार में यह सकारात्मक रफ्तार इस अवधि के खत्म होने के बाद भी जारी रही और त्योहारी सीजन में भी जारी रही, जहां उसे सभी श्रेणियों में निरंतर वृद्धि नजर आई।
डेटा डॉट एआई के अनुसार मीशो ने देश में साल 2023 के दौरान 14.5 करोड़ ऐप डाउनलोड दर्ज किए थे। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में 50 करोड़ डाउनलोड का महत्त्वपूर्ण आंकड़ा भी पार कर लिया।